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किसान आत्महत्या मामले पर सदन में हंगामा

रायपुर छत्तीसगढ़ में किसान आत्महत्या मामले में मानसूत्र सत्र के पहले दिन ही जोरदार हंगामा हुआ। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष ने किसानों के संवेदनशील मामले को उठाते हुए काम रोको प्रस्ताव लाया। इस मामले में परिचर्चा की मांग की। कुल 39 सदस्यों ने सदन में काम रोको प्रस्ताव रखा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के तथ्यात्मक प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने पढ़कर सुनाया, जिसपर संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी ने सरकार की ओर से पक्ष रखा, लेकिन विपक्ष ने असंतुष्टि जाहिर करते हुए नारेबाजी की। विधानसभा मानसून सत्र का पहला घंटा हंगामेदार रहा। दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद शुरू हुई कार्यवाही में कांग्रेस विधायकों ने जमकर खलल डाली। किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। आसंदी ने विपक्ष की तरफ से स्थगन की सूचना की बात कही। कहा गया कि, प्रश्नकाल के बाद विपक्ष अपनी बात रख सकता है,लेकिन प्रश्नकाल से ही विपक्ष के तेवर उक्त संवेदनशील मामले उग्र दिखे और चर्चा की मांग कराने पर अड़े रहे।

श्रद्धाजंलि के दौरान ही कांग्रेस के विधायक धनेंद्र साहू ने किसानों के मुद्दे को उठा दिया था। किसानों को श्रद्धाजंलि देने की मांग की गई। दिवंगतों को श्रद्धाजंलि के बाद 5 मिनट बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान कांग्रेसी विधायकों ने सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। बार-बार आसंदी से विफक्ष को आश्वासन दिया गया कि, किसानों के मुद्दे पर विपक्ष को बात कहने का मौका दिया जायेगा। विपक्ष सुनने को तैयार नहीं हुआ। किसानों की समस्याओं और उनके आत्महत्या के आंकड़ों को गिनाते हुए हंगामा किया। लिहाजा सदन की कार्रवाई एक बार 10 मिनट और दूसरी बार 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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