कुशीनगर एयरपोर्ट को मिला अंतरराष्ट्रीय दर्जा, बदलेगी पूर्वांचल की सूरत
कुशीनगर : कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मंजूरी को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए सांसद विजय दुबे ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से कुशीनगर न केवल आर्थिक, सामरिक व व्यापारिक दृष्टि से पूरी दुनिया में जाना जाएगा बल्कि पर्यटन व कार्गो का हब भी बनेगा। पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कहा कि बौद्ध धर्मावलंबियों के साथ पूर्वांचल व पश्चिमी बिहार के जिलों की बहुप्रतीक्षित मांग आज पूरी हो गई है। विरोधी मानसिकता के जो लोग एयरपोर्ट को लेकर सवाल उठा रहे थे, यह निर्णय उनको आइना दिखाने वाला है। एयरपोर्ट से उड़ान के लिए वह एक साल से प्रयास कर रहे थे। एयरपोर्ट के पहुंच मार्ग, एटीसी, लाइटिंग, विद्युत सब स्टेशन आदि के लिए धन भी निर्गत कराया। इस बीच आए इस फैसले से हर कोई खुश है। गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में मंजूरी दी है। इससे भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के सीधे अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा से जुडऩे का रास्ता साफ हो गया। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
थाईलैंड, जापान, चीन, कोरिया आदि देशों सहित दुनिया भर के 53 करोड़ बौद्ध मतावलंबियों के लिए यह आस्था का केंद्र है, क्योंकि भगवान बुद्ध का यहीं महापरिनिर्वाण हुआ था और उन्होंने अंतिम उपदेश भी यहीं दिया था। हवाई सेवा से जुडऩे के कारण पूरे बौद्ध परिपथ को काफी मजबूती मिलेगी क्योंकि कुशीनगर इसके केंद्र में है। बुद्ध से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण स्थलों लुंबिनी (195 किमी), श्रावस्ती (238 किमी), कपिलवस्तु (190 किमी), बोधगया, संकिशा आदि की दूरी घट जाएगी। वर्तमान में प्रतिदिन कुशीनगर आने वाले बौद्ध पर्यटकों की संख्या 300 से 400 है। हवाई सेवा से यह संख्या 20 गुना तक बढऩे की उम्मीद है। बौद्ध परिपथ के अन्य स्थलों पर भी विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ जाएगी। तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनकर तैयार है।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद यहां एयरबस का बड़ा विमान भी उतर सकेगा। मतलब काफी संख्या में विमान से देसी- विदेशी सैलानी पहुंच सकेंगे। इसके निर्माण पर अब तक 347 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। चहारदीवारी, रन वे, एप्रन, एटीसी बिङ्क्षल्डग, लाइङ्क्षटग, फायर बिग्रेड बिङ्क्षल्डग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। एयरपोर्ट थाना, बिजली घर, गार्ड रूम, पानी की टंकी, एयरपोर्ट संपर्क मार्ग, ट्रैफिक कंट्रोल भवन का निर्माण कार्य अभी होना बाकी है। यहां आने की इच्छा रखने वाले विदेशी सैलानी हवाई यात्रा की सुविधा न होने के कारण यहां आसानी से पहुंच नहीं पाते थे। आ भी गए तो उनका ठहराव नहीं हो पाता था। यहां से हवाई सेवा शुरू करने की मांग लगातार की जा रही थी। उनकी मांगों को प्रशासन सरकार के सामने रखता भी रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर के हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा देने का आपका निर्णय पूर्वांचल में विकास के नए द्वार खोलेगा।
विश्वभर में रह रहे भगवान बुद्ध के अनुयायियों और उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार। मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट के जरिये बताया कि भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को बौद्ध सर्किट के माध्यम से जोडऩे का कार्य प्रगति पर है। अब कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को भगवान बुद्ध से जुड़े इन स्थलों तक पहुंचने में सुविधा होगी तथा प्रदेश में विकास और प्रगति के नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने लिखा कि आपका दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उपहार प्रदेश में विकास को पंख देगा। जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में प्रदेश को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर एक नई पहचान देगा। कसया एयरपोर्ट (वर्तमान में कुशीनगर एयरपोर्ट) का निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के समय सामरिक महत्व को देखते हुए किया गया था। आजादी के बाद जब यह उपेक्षा की शिकार हुई तो इसके विस्तार की मांग भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली से जोड़कर की जाने लगी। इसके पीछे तर्क यह था कि इससे पर्यटन का विकास होगा तो धार्मिक महत्व के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली कुशीनगर को पहचान भी मिलेगी। केंद्रीय कैबिनेट से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद अर्से से चली आ रही क्षेत्र की यह मांग पूरी हुई है। यह एयरपोर्ट पर्यटन के साथ सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।