तिरुवनंतपुरम : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि उनकी पार्टी का मिशन केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के बाद ही पूरा होगा। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय केरल यात्रा पर आज यहां पहुंचे शाह ने कहा कि केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाए बगैर भाजपा क मिशन पूरा नहीं होगा। हालांकि, शाह ने दक्षिण केरल के छह लोकसभा क्षेत्रों के श्रमिकों के सम्मेलन में राज्य में पार्टी के नये प्रमुख की नियुक्ति का कोई जिक्र नहीं किया।
कुम्मनम राजशेखरन के मई के आखिर में मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद से राज्य में पार्टी प्रमुख का पद रिक्त है। केरल में पार्टी की स्थिति का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ माकपा द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक हिंसा के बावजूद सही दिशा में क्रमिक रूप से बढ़ रही है। उन्होंने राज्य में पार्टी के कार्यकर्ताओं को 2019 के लोकसभा चुनाव में अधिकतम सीटें दिलाने के लिए अथक परिश्रम करने को कहा। शाह ने कहा कि भाजपा – आरएसएस के कार्यकर्ताओं का बलिदान तब तक सार्थक नहीं होगा, जब तक कि माकपा को केरल और पश्चिम बंगाल से उखाड़ कर फेंक नहीं दिया जाता। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पी. विजयन राज्य में राजनीतिक हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। शाह ने कहा कि विजयन के गृह नगर कन्नूर में भाजपा-आरएसएस के 84 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। भाजपा अध्यक्ष ने नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राजग ने भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी सरकार दी है। इससे पहले दिन में शाह ने पार्टी की प्रदेश इकाई की कोर कमेटी की एक बैठक को भी संबोधित किया। शाह ने केरल के मुख्यमंत्री के इस आरोप को खारिज कर दिया कि केंद्र राजनीतिक आधार पर उसे नजरअंदाज कर रहा है। उन्होंने विकास कार्यक्रमों को लागू करने में बाधाएं पैदा करने के लिए माकपा नीत एलडीएफ सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कई केंद्रीय परियोजनाएं शुरू नहीं हो पाई क्योंकि राज्य सरकार ने इसके लिए जरूरी जमीन नहीं सौंपी।
शाह ने कहा कि चाहे यह एम्स हो, कोझीकोड रेल कोच फैक्टरी हो या फिर राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास हो… तीन साल पहले इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने जमीन नहीं आवंटित की। शाह ने विजयन के उस हालिया आरोप का जिक्र करते हुए यह कहा, जिसके तहत केरल के मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार केरल और इसकी मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं। विजयन को पिछले महीने प्रधानमंत्री से मिलने का कथित तौर पर समय नहीं दिया गया था। इस पर उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री केरल को नजरअंदाज कर रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा दक्षिणी राज्य में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है। दशकों से इस राज्य की राजनीति में माकपा नीत एलडीएफ और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे का दबदबा रहा है। भाजपा को इस राज्य में उतनी सफलता नहीं मिली है। राज्य के 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत बढ़कर 14 फीसदी हो गया था लेकिन वह महज एक सीट जीत पाई थी। 2011 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को महज छह फीसदी वोट मिले थे।