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केवल इन लोगों को मिलेगा आयुष्मान योजना का लाभ

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में उच्च व मध्यम वर्ग को लाभ के दायरे में लेने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (एनएचए) ने नाराजगी जताई है। एनएचए ने राज्य सरकारों के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों व कलेक्टर को आदेश दिया है कि वो केवल गरीब तबके के लोगों का नाम इस लिस्ट में शामिल करें। अगर किसी ऐसे लाभार्थी का नाम शामिल पाया गया जो आर्थिक तौर पर सशक्त हैं तो फिर कड़ी कार्रवाई होगी।

केवल इन लोगों को मिलेगा आयुष्मान योजना का लाभयह कदम तब उठाया गया है जब ऐसी खबरें हैं कि योग्य लाभार्थियों की सूची में कुछ ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है जो सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़ों की वंचित श्रेणियों में नहीं आते हैं।

23 सितंबर को हुआ था शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को झारखंड से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना का मकसद हर साल प्रति परिवार पांच लाख रुपये का बीमा देना है। इससे देश के 10.74 करोड़ से अधिक गरीब परिवार लाभान्वित होंगे।

परिपत्र में कहा गया है कि एसईसीसी 2011 ग्रामीण और शहरी परिवारों की सामाजिक आर्थिक स्थिति का अध्ययन है जो पहले से परिभाषित मानदंडों के आधार पर इन परिवारों की रैंकिंग करने में मदद करता है।

इन लोगों को नहीं मिलेगा लाभ

जिन घरों में मोटर चालित दो, तीन या चार पहिए वाले वाहन, मछली पकड़ने की नौका, यांत्रिक तीन या चार पहिए वाले वाहन, कृषि के उपकरण, 50,000 से अधिक जमाराशि की सीमा के साथ किसान क्रेडिट कार्ड है और जिस परिवार में कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो तो वह एसईसीसी 2011 के अनुसार अपने आप ही इससे बाहर हो जाएगा।

परिपत्र के मुताबिक, जिन घरों में किसी सदस्य की कमाई प्रति माह 10,000 रुपये से ज्यादा है, वह आयकर देता है, पक्की दीवारों तथा छत के साथ दो या तीन कमरे है, एक फ्रिज है, एक लैंडलाइन फोन है वह भी लाभार्थी सूची से बाहर हो जाएगा।

परिपत्र में कहा गया है, ऐसे मामलों में राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे योग्य सूची से ऐसे लाभार्थियो को बाहर करने के लिए जिला कलेक्टरों/जिला मजिस्ट्रेटों या उपायुक्तों को अधिकार दें। यह लिखित ज्ञापन के आधार पर और हर मामले में त्वरित जांच के बाद किया जाना चाहिए।

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