लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर मीटर लगाने का अभियान शुरू होगा। गांवों में कैंप लगाकर लोगों के घरों में मीटर लगाए जाएंगे। साथ ही प्रत्येक माह नियमित रूप से बिल भी वितरित किये जायेगें। जिससे कि विभाग की राजस्व वसूली में वृद्धि हो सके। राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा 31 मार्च 2015 तक प्रदेश के सभी बिना बिजली मीटर वाले उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाने के निर्देश दिये गये है। पावर कार्पोरेशन इस संबंध में सभी विद्युत वितरण निगमों को तैयारियां करने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में कैंप की तारीखें तय करने को कहा है। गौरतलब होकि गांवों की बिजली आपूर्ति पावर कार्पोरेशन के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही थी। जिससे उबरने के लिए उसने जिन उपभोक्ताओं के मीटर नहीं थे उनके मीटर लगाने का फैसला किया गया है। शहरों की तरह गांवों में हैंड हेल्ड मशीन के माध्यम से मीटर रीडिंग कराकर बिलिंग कराई जाएगी। इसके साथ-साथ बिजली कंपनियों को नई बिजली दरों के अनुसार औसत आपूर्ति का पुनर्निर्धारण करते हुए राजस्व वसूली का पुनरीक्षित लक्ष्य तय करने को भी कहा गया है। कार्पोरेशन ने बिजली कंपनियों को प्रत्येक माह कम से कम 2500 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली प्रत्येक कीमत पर करने के कड़ निर्देश दिया है। विद्युत नियामक आयोग के कड़े रुख को देखते हुए कार्पोरेशन अब उसके निर्देशों पर अमल की कवायद में जुटा है।