नई दिल्ली : राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार गोल्ड मेडल जीतने वालीं वेटलिफ्टर संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गईं। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने बताया कि संजीता को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। फेडरेशन ने वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दी कि संजीता चानू के टेस्टोस्टोरोन लेवल जांचने के लिए किए गए टेस्ट पॉजिटिव हैं। बता दें कि इसी साल हुए गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में वुमेन्स की 53 किग्रा कैटेगरी में संजीता ने गोल्ड जीता था। फेडरेशन की ओर से जारी बयान के अनुसार, आईडब्ल्यूएफ की रिपोर्टें कहती हैं कि संजीता चानून खुमुकचाम के नमूने पॉजिटिव आए हैं। एथलीट को एंटी-डोपिंग नियम के उल्लंघन के संदर्भ में अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। फेडरेशन का कहना है कि किसी भी स्थिति में यदि यह साबित होता है कि एथलीट ने एंटी-डोपिंग नियमों का उल्लंघन नहीं किया है तो संबंधित फैसले को जारी नहीं रखा जाएगा। आईडब्ल्यूएफ ने इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। उसने यह नहीं बताया है कि किस तारीख को एथलीट का डोप टेस्ट सैंपल लिया गया था। फेडरेशन ने कहा है कि जब तक मामले की पूरी तरह जांच नहीं हो जाती है, तब तक कोई भी टिप्पणी नहीं की जाएगी। संजीता ने पिछले साल नवंबर में अमेरिका के एनाहेयिम में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 53 किग्रा कैटेगरी में हिस्सा लिया था। वहां 177 किग्रा भार उठाकर वे 13वें स्थान पर रहीं थीं। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में संजीता ने 53 किग्रा कैटेगरी में कुल 192 किग्रा का वजन उठाया था। संजीता ने 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा कैटेगरी में भी गोल्ड मेडल जीता था। संजीता को 2017 में अर्जुन पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया। इसका विरोध करते हुए उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी दलील थी कि लगातार दो साल से बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया। जबकि, खेल मंत्रालय ने उनसे कमतर परफार्मेंस देने वाले एथलीट्स को इस पुरस्कार के लिए चुन लिया। हाई कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।