कोरियाई देशों के सुधरते रिश्तों का ईरान ने किया स्वागत
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ईरान ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में उठ रहे कदमों का शनिवार (28 अप्रैल) को स्वागत किया, लेकिन चेतावनी दी कि अमेरिका इस संबंध में किसी भी भूमिका के लिए पात्र नहीं है क्योंकि उसने अपने वचनों का सम्मान नहीं किया है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच भेंटवार्ता क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थायित्व की दिशा में जिम्मेदार एवं प्रभावी कदम है.
वैसे मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम घासेमी ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति कायम करने की ऐतिहासिक नयी पृष्ठभूमि दोनों प्रधान पक्ष ही बिना किसी अन्य देश के दखल के तैयार करें. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘खासकर परमाणु करार के संबंध में ईरान का पिछले 40 साल का अनुभव यह है कि अमेरिकी सरकार मर्यादापूर्ण और भरोसेमंद नहीं है और वह अंतरराष्ट्रीय वादों का सम्मान नहीं करती है.’’
ईरान ने प्रतिबंध राहत के एवज में अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाते हुए अमेरिका और पांच अन्य वैश्विक शक्तियों के साथ 2015 में संधि की थी. उसने दलील दी है कि अमेरिका इस संधि का उल्लंघन कर बाहरी दुनिया के साथ उसके व्यापार में टांग अड़ाता रहा है. अब जब 12 मई को उस संधि के नवीकरण की बारी आयी है तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संधि से पूरी तरह हटने की धमकी दी है.
ईरान की ‘हत्यारी सरकार’ को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा अमेरिका
वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर पश्चिम एशिया में खूनखराबे को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए शनिवार (28 अप्रैल) को कहा कि अमेरिका, तेहरान में ‘हत्यारी सरकार’ के परमाणु हथियार हासिल करने नहीं देगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह हत्यारी सरकार परमाणु हथियार के करीब ना पहुंचे और ईरान खतरनाक मिसाइलों के प्रसार तथा आतंकवाद के लिए समर्थन को खत्म करें.’’
ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ व्हाइट हाउस में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही. दोनों नेताओं ने ईरान में मौजूदा स्थिति और उसके कथित ‘अस्थिर व्यवहार’ पर चर्चा की. ट्रंप ने कहा, ‘आज हमारी बैठक में चांसलर और मैंने ईरान, ईरानी सरकार पर चर्चा की जिसने पश्चिम एशिया में हिंसा, खूनखराबा और अराजकता फैलाई.’
उन्होंने कहा कि इस पर बात करना ‘उचित’ नहीं है कि क्या अमेरिका ईरान के खिलाफ सैन्य बल के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाला अंतरराष्ट्रीय गठबंधन सीरिया में आईएस के खात्मे के करीब है तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ‘ईरान इस सफलता से फायदा ना उठाए.’