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कोरोनावायरस: ट्रंप बोले- US के लिए दो हफ्ते सबसे ज्यादा खतरनाक, हो सकती है एक लाख मौत

न्यूयार्क: अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है लेकिन चीन के वायरस से इस सुपरपावर देश का भी दम फूलने लगा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा कि अगले दो हफ्तों में कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है.

व्हाइट डाउस में प्रेस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) गाइडलाइन को अगले 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि 1 जून तक सारी चीजें पटरी पर आ जाएंगी. इससे पहले उन्होंने अनुमान लगाया था कि ईस्टर तक सारी चीजें ठीक हो जाएंगी.

एक लाख तक जा सकता है मौतों का आंकड़ा
ट्रंप का कहना है कि कोरोना से अमेरिका में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है. उन्होंने कहा कि अगर ये आंकड़ा एक लाख तक सीमित रहता है तो फिर इसका मतलब ये है कि हमने इसे रोकने के लिए अच्छा काम किया है.

न्यूयार्क बना नया ‘वुहान’
आपको बता दें कि अमेरिका में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख चौबीस हजार को पार कर गई है. न्यूयॉर्क के हालत सबसे ज्यादा डरावने हैं. न्यूयॉर्क शहर नया वुहान बनता जा रहा है. न्यूयॉर्क में रविवार को कोरोना ने 965 लोगों की जान ले ली. इससे पहले शनिवार को 728 लोगों की मौत हुई थी. न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्र्यू कूमो ने यह जानकारी दी.

जिद पर अड़े ट्रंप
न्यूयॉर्क शहर कोरोना के कहर से थर-थर कांप रहा है. न्यूयॉर्क की गलियां, सड़कें सब सूनी पड़ी हैं. अमेरिका में कुल जितने संक्रमित लोग हैं, उसके आधा से ज्यादा न्यूयॉर्क में हैं लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. राष्ट्रपति ट्रंप को लगता है कि न्यूयॉर्क को क्वारंटीन करने की जरूरत नहीं है. ट्रंप ने कोरोना संकट से अमेरिका को बाहर निकालने के लिए 2.2 ट्रिलियन डॉलर के आर्थिक पैकेज भी जारी किया है.

यूरोप में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर
चीन के कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा मार यूरोप के देशों पर पड़ रही है. अकेले यूरोप देशों में मौतों का आंकड़ा बीस हज़ार को पार कर गया है. और इनमें भी सबसे ज़्यादा हाहाकार इटली में मचा है. इटली में हालात कितने बुरे हैं, इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगाइए कि यहां के एक चर्च में ना जाने कितनी लाशें ताबूत में रखी हैं, उनका अंतिम संस्कार भी नहीं हो सकता. इन लोगों का अंतिम संस्कार कराने की ज़िम्मेदारी अब सेना को सौंपी गई है.

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