जीवनशैली

क्या आप स्वागत-सत्कार के लिए तैयार हैं

CAREER IN HOTELआज के इस बदलते परिवेश में हर व्यव्ति को पैसा कमाने की ललक है। काम चाहे जैसा भी हो वह करने के लिए तैयार रहते हैं। और अगर ऐसे में उन्हें ऐसी कोई नौकरी मिल जाए जिसमें घूमना फिरना लगा रहता हो, तो समझो उन्हें मनचाही नौकरी मिल गई। यकीनन लोगों में नई-नई जगहों को देखने व जानने की अभिलाषा बढ़ रही है। एक जगह से दूसरी जगह जाना काम का हिस्सा है जो अनजान जगहों पर घर का विकल्प है और उसमें इतने आयाम जोड़ दिए हैं कि आराम और सुविधा को नया नाम मिल गया है। यकीनन होटल इंडस्ट्री हर उस व्यव्ति के लिए स्वागतम का इंतजार कर रही है जो या तो सुविधाओं को अपनी हैसियत के अनुसार भोगना चाहता है या स्वागत-सत्कार के गुणों के लिए अपने करियर की तलाश कर रहा है।

कैसा है काम

होटल उद्योग में बतौर प्रशिक्षु से लेकर प्रबंधक तक न जाने कितने अवसर मौजूद हैं, जहां से आप अपने कैरियर की राहें आसानी से तय कर सकते हैं। प्रबंधक, प्रंट ऑफिस, रिसैप्शनिस्ट, फूड एंड बेवरेज, हाऊसकीपिंग, बुक कीपिंग, काऊंटर सर्विस,मार्कीटिंग विभाग इत्यादि। आइए जानते हैं इनके कार्य।

प्रंट ऑफिस

प्रंट ऑफिस ही वह जगह है जहां सबसे पहले अतिथि आते हैं। वहां उनके लिए कमरे की उपलब्धता बताने से लेकर उन्हें कमरे में ले जाने तक का काम करना होता है।अतिथियों के लिए कोई संदेश या सूचना आती है तो उन तक उन्हें पहुंचाना इनकी जिम्मेदारियों के दायरे में आता है। इस काम के लिए बैल बॉय, बैल कैप्टन जैसा स्टाफ मौजूद रहता है।

प्रबंधक

होटल का सारा काम सुचारू रूप से चले और अतिथियों को किसी किस्म की तकलीफ या परेशानी न हो, यह जिम्मेदारी प्रबंधक के कंधों पर होती है। उसे ही यह सुनिश्चित करना होता है कि हाऊसकीपिंग ठीक हो, किचन में कोई रुकावट न हो, अतिथियों को समय पर उनके द्वारा मांगी गई चीजें मिल जाएं वगैरह।

हाऊसकीपिंग

चाहे कमरा हो, लॉबी हो, बैंक्वेट हाल हो या रेस्तरां, चारों ओर सलीका और सफाई दिखनी चाहिए। इस इंडस्ट्री  का यह अहम हिस्सा है। इसमें जो बेहतर होगा, गैस्ट उसे ही पसंद करेंगे। यह काम चौबीसों घंटे का है इसलिए इस विभाग में लोग पालियों में काम करते हैं।

फूड एंड बेवरेज

यह विभाग खान-पान की व्यवस्था देखता है। इसके तीन हिस्से होते हैं-एक खाने का आर्डर लेता है, दूसरा खाना पकाता है और तीसरा उसे परोसता है। यह एक महत्वपूर्ण विभाग है क्योंकि सब कुछ ठीक हो और खाना ठीक न हो तो होटल की साख खराब होती है और अतिथि आने से कतराने लगते हैं।

संयुव्त प्रवेश परीक्षा

नैशनल काऊंसिल फॉर होटल मैनेजमैंट एंड केटरिंग टैक्नोलॉजी की स्थापना 1982 में केन्द्रातय पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत की गई थी। इसके  तत्वावधान में होटल मैनेजमैंट के 21 केन्द्रातय संस्थान, 12 प्रदेश संस्थान तथा 18 निजी होटल प्रबंधन संस्थान हैं। इनकी 7,741 सीटों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर संयुव्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है।

नैशनल कौंसिल फॉर होटल मैनेजमैंट एंड केटरिंग टैक्नोलॉजी के संस्थानों में बी.एससी. इन हॉस्पिटैलिटी एंड होटल मैनेजमैंट कोर्स में दाखिले के लिए संयुव्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.) होती है। इस परीक्षा के लिए आवेदन हर वर्ष फरवरी में किए जाते हैं। अप्रैल में परीक्षा की तारीख तय की जाती है। इसके लिए अभ्यर्थी ने 12वीं में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उŸाीर्ण की होनी चाहिए। इसकी परीक्षा में कुल 200 प्रश्र पूछे जाते हैं और उन्हें 3 घंटों में हल करना होता है। कुछ अन्य संस्थानों में लिखित परीक्षा पास करने के बाद ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू भी होता है। 

प्रशिक्षण कहां से लें

होटल मैनेजमैंट में सर्टीफिकेट कोर्स से लेकर पी.जी. कोर्स तक उपलब्ध हैं। सरकारी संस्थाओं के अलावा निजी संस्थानों की भी भरमार है। सरकारी संस्थान संयुव्त प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला लेते हैं और निजी संस्थान साक्षात्कार व अंक प्रतिशत के आधार पर।

अवसर

रिसॉर्ट से लेकर फाइव स्टार होटलों तक, हर राज्य के पर्यटन विभाग से लेकर एविएशन तक अनगिनत नौकरियां हैं। फास्ट फूड चेन, रेलवे या बैंक या बड़े संस्थानों में केटरिंग कैंटीन, एयरलाइंस, हॉस्पिटल, मॉल, मल्टीप्लैक्स, हैल्थ क्लब जैसी जगहों पर रोजगार पा सकते हैं। विदेशों में भी होटल मैनेजमैंट में डिग्री/डिप्लोमा कर चुके छात्रों की खूब मांग है। 

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