टॉप न्यूज़फीचर्डब्रेकिंगराष्ट्रीय

क्या किसी ने सोचा था कि 1984 के दोषियों को सजा मिलने लगेगी: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में एक निजी चैनल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने अपनी सरकार की चार साल की उपलब्धियों को भी गिनाया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां एक साइकोलॉजी रही है कि जब सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हुए कोई अदालत में जाता है, तो माना जाता है कि सरकार गलत होगी और आरोप लगाने वाला सही। घोटाले हों, भ्रष्टाचार के आरोप हों, यही एक मानसिकता रही है।

क्या किसी ने सोचा था कि 1984 के दोषियों को सजा मिलने लगेगी: पीएम मोदी

लेकिन ये भी पहली बार हुआ है जब कुछ सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत गए और अदालत से उन्हें दो टूक जवाब मिला कि जो काम हुआ है, वो पूरी पारदर्शिता से हुआ है, ईमानदारी से हुआ है। हमारे देश में ऐसा भी होगा, चार साल पहले ये भी किसी ने नहीं सोचा था।

उन्होंने कहा किसी ने नहीं सोचा था कि 1984 के सिख नरसंहार के दोषी कांग्रेस नेताओं को सजा मिलने लगेगी, लोगों को इंसाफ मिलने लगेगा। चार साल पहले ये भी किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन हेलीकॉप्टर घोटाले का इतना बड़ा राजदार, क्रिश्चियन मिशेल भारत में होगा, सारी कड़ियां जोड़ रहा होगा।

गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

– क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि भारत इतनी जल्दी फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमीज के क्लब में शामिल होने की तरफ अपना कदम बढ़ा देगा। किसी ने सोचा था कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 142 से 77 पर आ जाएगा, भारत टॉप 50 में आने की ओर बढ़ चलेगा। भारत में एसी ट्रेन में चलने वाले लोगों से ज्यादा लोग हवाई सफर करने लगेंगे।

– पीएम बोले, क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि रिक्शा चलाने वाला भी, सब्जी वाला भी और चायवाला भी भीम ऐप का इस्तेमाल करने लगेगा, अपनी जेब में रूपे डेबिट कार्ड रखकर अपना आत्मविश्वास बढ़ाएगा। क्या किसी ने सोचा था कि भारत का एविएशन सेक्टर इतना तेज आगे बढ़ेगा कि कंपनियों को एक हजार नए हवाई जहाज का ऑर्डर देना पड़ेगा।

– चार साल पहले क्या किसी ने सोचा था कि भारत में नेशनल वॉटरवेज एक सच्चाई बन जाएंगे, कोलकाता से एक जहाज गंगा नदी पर चलेगा और बनारस तक सामान लेकर आएगा। स्टार्टअप  की दुनिया से लेकर खेल की दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी।

– किसी ने चार साल पहले क्या सोचा था कि भारत एक बार में सौ सैटेलाइट छोड़ने का रिकॉर्ड बनाएगा, गगनयान के लक्ष्य पर काम करेगा।

– भारत में नेशनल वॉटरवेज एक सच्चाई बन जाएंगे, कोलकाता से एक जहाज गंगा नदी पर चलेगा और बनारस तक सामान लेकर आएगा।

– भारत का एविएशन सेक्टर इतना तेजी से आगे बढ़ेगा कि कंपनियों को एक हजार नए हवाई जहाज का ऑर्डर देना पड़ेगा।

– मैं अकसर देखता हूं कि आप लोग ब्रॉडकास्ट के दौरान पहले और अब की टू विन्डो, यानि दो स्थितियों का फर्क बहुत दिलचस्पी से दिखाते हैं। मेरे पास भी पहले और अब की बहुत दिलचस्प तस्वीर है जो सर्जिंग इंडिया को और प्रभावी बनाती है।

देश में स्वच्छता का दायरा

– आज देश के सामने 2014 से पहले की एक तस्वीर है जब स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था। अब 2018 के अंत में वही दायरा बढ़कर 97 प्रतिशत पहुंच चुका है।
– आज देश के सामने 2014 के पहले की तस्वीर है, जब देश के 50 प्रतिशत लोगों के पास बैंक खाते नहीं थे। अब 2018 के अंत में, देश के हर परिवार बैकिंग सिस्टम से जुड़ चुका है।

– आज देश के सामने 2014 के पहले की एक और तस्वीर है जहां टैक्स देने वालों की संख्या 3 करोड़ 80 लाख थी। अब इस साल ये संख्या बढ़कर लगभग 7 करोड़ हो चुकी है।

– आज देश के सामने 2014 के पहले की एक तस्वीर है जहां मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं। आज उन्हीं मोबाइल मैन्यूफैक्टरिंग कंपनियों की संख्या बढ़कर 120 के पार हो गई है।

– पहले और अब का ये बदलाव, सर्जिंग इंडिया की बहुत मजबूत तस्वीर को सामने रखता है। ये सब इसलिए हो रहा है कि आज देश में पॉलिसी ड्राइवन गवर्नेंस और प्रेडिक्टेबल ट्रांसपेरेंट पॉलिसीज को आधार बनाकर हमारी सरकार आगे बढ़ रही है।

इसी का नतीजा है कि आज भारत में दोगुनी रफ्तार से हाईवे बन रहे हैं, दोगुनी रफ्तार से रेल लाइनों का दोहरीकरण हो रहा है, बिजलीकरण हो रहा है, 100 से ज्यादा नए एयरपोर्ट और हेलीपोर्ट पर काम हो रहा है, 30-30, 40-40 साल से अटकी हुई योजनाओं को पूरा किया जा रहा है।

– आज आप भारत में कहीं भी जाएं, एक साइनबोर्ड जरूर देखने को मिलेगा- ‘कार्य प्रगति पर है’। साथियों, ये साइनबोर्ड सही मायने में ये दिखाता है कि ‘भारत प्रगति पर है’। सिर्फ सड़कें, फ्लाईओवर, मेट्रो नहीं, यहां नया भारत बनाने का काम हो रहा है।

‘इंडिया इज अ कंट्री देट नेवर स्टॉप्स

– मैं आज उस शहर में हूं, जिसके लिए कहते हैं ‘द सिटी दैड नेवर स्टॉप्स’। मैं यहां खड़ा होकर आपको ये कहना चाहता हूं कि टूडे ‘इंडिया इज अ कंट्री देट नेवर स्टॉप्स’। न रुकेंगे, न धीमा पड़ेंगे, न थमेंगे, ये इंडिया ने ठान लिया है।

– मुझे याद है करीब तीन साल पहले ‘प्रगति’ की बैठक में नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विषय आया था, तो मैं हैरान रह गया था। मुंबई में दूसरे एयरपोर्ट को लेकर नवंबर 1997 में पहली बार कमेटी बनी थी। तब से लेकर करीब-करीब 20 साल तक सिर्फ फाइलें ही इधर से उधर दौड़ती रहीं।

– इस बीच कितनी सरकारें आईं, कितनी चली गईं। लेकिन नवी मुंबई एयरपोर्ट की फाइल आगे नहीं बढ़ पाई। प्रगति की बैठक में मल्टिपल विन्डो बनाकर, सारे अफसरों, सारे विभागों को एक साथ, आमने-सामने लाकर, हमारी सरकार ने इस प्रोजेक्ट के सामने आ रहे सारे रोड़े दूर किए, और अब नवी मुंबई एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है।

– सोचिए, ये सिर्फ एक प्रोजेक्ट की कहानी है। और मैं फिर बता दूं, ऐसे ही 12 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को हम आगे बढ़ा चुके हैं। Surging India के पीछे, जो कार्यसंस्कृति में बदलाव आया है, ये उसका उदाहरण है।
– पिछली सरकार फूड सिक्योरिटी एक्ट लेकर आई, बहुत हल्ला किया गया, बहुत तालियां बटोरी गईं, लेकिन हम जब 2014 में सत्ता में आए तब तक सिर्फ 11 राज्यों के लोगों को ही इसका लाभ मिलता था। सोचिए इतनी तालियां बटोरने के बाद भी भारत की एक तिहाई जनता को इसका लाभ नहीं मिलता था। हमने आने के बाद सुनिश्चित किया कि पूरे भारत को इसका लाभ मिले।

– हमारी सरकार, समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए काम कर रही है, देश के सामने जो चुनौतियां हैं, उनके स्थायी उपाय की ओर बढ़ रही है। हम ऐसी व्यवस्थाओं को तोड़ रहे हैं, खत्म कर रहे हैं, जिन्होंने दशकों से देश के विकास को रोक रखा था।

– भ्रष्टाचार को भारत में न्यू नॉर्मल मान लिया गया था। भारत में ये तो चलता ही है, इतना तो चलता ही है। अगर कोई सामने से आवाज उठाता था, नियम-कायदों की याद दिलाता था, तो सामने से तुरंत जवाब मिलता था कि, ये भारत है, यहां ऐसा ही चलता है। ऐसा ही क्यों चलना चाहिए? स्थिति को वैसा ही क्यों रहना चाहिए? ऐसी स्थिति को बदलना क्यों नहीं चाहिए।

पिछले 4 साढ़े चार साल में, मैं इसी स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा हूं, देश को पीछे ले जाने वाली बंदिशों को तोड़ने का काम कर रहा हूं। कुछ लोग देश को भ्रमित करने में जुटे हुए हैं। लेकिन मुझे सत्य की शक्ति पर भरोसा है, और सत्यनिष्ठ देशवासियों पर भरोसा है।

जब सार्वजनिक जीवन में सुचिता, पारदर्शिता हो और लोगों के लिए काम करने के प्रति कमिटमेंट हो तो बड़े और कड़े फैसले लेने का हौसला आता है।

जीसएटी पर बोले पीएम

– हमारे देश में दशकों से जीएसटी की मांग थी। आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बाजार की विसंगतियां दूर हो रही हैं और सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता की तरफ हम बढ़ रहे हैं।

– समाज के मेहनती और उद्यमी लोग, जो बाजार से जुड़े हैं, उन्हें एक साफ-सुथरी, सरल, इंस्पेक्टर राज से मुक्त व्यवस्था मिल रही है। पूरे भारत ने एक-मन होकर, इतने बड़े टैक्स रीफॉर्म को लागू करने के लिए प्रयास किया। हमारे कारोबारियों और लोगों के इसी जज्बे का परिणाम है कि भारत इतना बड़ा बदलाव करने में सफल हो सका।

– विकसित देशों में भी छोटे-छोटे टैक्स रीफॉर्म लागू करना आसान नहीं होता है। जीएसटी लागू होने से पहले रजिस्टर्ड इंटरप्राइजेज की संख्या मात्र 66 लाख थी। जो अब बढ़कर 1 करोड़ 20 लाख हो गई है।

– शुरुआती दिनों में जीएसटी अलग-अलग राज्यों में वैट और एक्साइज की जो व्यवस्था थी, उसी की छाया में आगे बढ़ रहा था। जैसे-जैसे विचार-विमर्श हुआ, धीरे-धीरे इसमें भी बदलाव आते रहे। हमारा ये मत है कि GST को जितना सरल और सुविधाजनक किया जा सकता है, उसे किया जाना चाहिए।

सरकार का विजन

मेरी और मेरी सरकार की सोच और विजन स्पष्ट है। दुनिया का सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश छोटे सपने नहीं देख सकता

– सपने, आकांक्षाएं और लक्ष्य तो ऊंचे ही होने चाहिए। हम बड़े लक्ष्य की तरफ ईमानदारी से प्रयास करेंगे, तो उसे प्राप्त भी करेंगे। लेकिन लक्ष्य ही छोटा रखोगे तो सफलता भी छोटी ही नजर आएगी।

– सरकार का पूरा सिस्टम, पूरी मशीनरी 70 वर्ष के सतत विकास से बनी है। 4 साढ़े 4 वर्ष पहले भी यही सिस्टम था, यही मशीनरी थी। लेकिन आज काम करने की स्पीड और स्केल दोनों कई गुणा बढ़ गए हैं।

– आज अनेक लक्ष्य ऐसे हैं जिनकी तरफ हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सबके पास अपना घर हो, हर घर में 24 घंटे रोशनी हो, साफ पानी और साफ ईंधन सबको सुलभ हो, इन लक्ष्यों के बहुत नजदीक हम पहुंच रहे हैं।

– बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक-एक पल हमारा समर्पित है।

पीएम मोदी ने कहा भारत की अर्थव्यवस्था हो, भारत की प्रतिभा हो, भारत की सामाजिक व्यवस्था हो, भारत के सांस्कृतिक मूल्य हों या फिर भारत की सामरिक ताकत, हर स्तर पर भारत की चमक और बढ़ रही है।

Related Articles

Back to top button