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क्या ‘प्रोग्रेस पंचायत’ के सहारे मुसलमानों से जुड़ पाएगी भाजपा?

bjp_ibn7_290916-1नई दिल्‍ली। कोझिकोड में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्‍लिमों को वोट की मंडी न बनाने की अपील की थी, लेकिन अब उन्‍हीं की सरकार मुस्‍लिमों को लुभाने के लिए मुस्‍लिम बहुल क्षेत्रों में प्रोग्रेस पंचायत कर रही है। यह पंचायत राजस्‍थान होते हुए यूपी पहुंचेगी, जहां इसका सियासी लाभ लेने की कोशिश होगी।

यह कार्यक्रम अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय का है। लेकिन इसमें भाजपा और आरएसएस से जुड़े मुस्‍लिम राष्‍ट्रीय मंच के प्रतिनिधियों की मौजूदगी, उनकी सक्रियता दिखा रही है कि पार्टी इसका सियासी लाभ उठाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसकी शुरुआत हुई है मेवात से। दिल्‍ली के पास सबसे बड़ा मुस्‍लिम बहुल क्षेत्र मेवात है, जहां की 80 फीसदी आबादी मेव है। पुन्‍हाना-होडल के बीच बिछोर गांव में पहली पंचायत सजी। यह क्षेत्र यूपी के छाता विधानसभा से लगता हुआ है। इस पंचायत के जरिए यूपी के मुस्‍लिमों को संदेश देने की कोशिश की गई कि भाजपा और खासकर मोदी सरकार मुस्‍लिम विरोधी नहीं है।

आरएसएस से जुड़े मुस्‍लिम राष्‍ट्रीय मंच में छात्र एवं युवा प्रकोष्‍ठ के संयोजक खुर्शीद राजाका का कहना है कि मोदी सरकार पूरे देश के मुस्‍लिमों को यह बताना चाहती है कि वह मुस्लिम विरोधी नहीं है। इसीलिए अब खुद उन तक पहुंचकर अल्‍पसंख्‍यकों के लिए किए जा रहे कार्यों को बताना चाहती है। इससे भाजपा की ओर मुस्‍लिम आकर्षित होंगे। हम यूपी में भी पंचायत करने वाले हैं।

भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता श्रीकांत शर्मा कहते हैं कि हम मुस्‍लिमों के लिए जो काम कर रहे हैं वह प्रोग्रेस पंचायत के जरिए बता रहे हैं। अब जुड़ने न जुड़ने की बात उनके ऊपर है। उन्‍हें तय करना है कि वह किसके साथ जुड़ें।

मुस्‍लिम वोटों को बांटने की कोशिश कर रही है भाजपा

-कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष  खुर्शीद अहमद सैयद का कहना है कि बीजेपी सिर्फ यूपी में मुस्‍लिम वोटों को बांटने में लगी हुई है। मुस्‍लिमों के बीच जाने भर से काम नहीं चलेगा। आपने दो साल में काम तो उनके खिलाफ किया है। मौलाना आजाद फाउंडेशन की स्‍कॉलरशिप का फंड तक रोका हुआ है और बात कर रहे हैं मुस्‍लिमों के हित की।

विरोधियों ने बताया सियासी चाल 

हरियाणा के पूर्व परिवहन मंत्री एवं कांग्रेस नेता आफताब अहमद का कहना है कि भाजपा प्रोग्रेस पंचायत के जरिए सियासी लाभ लेना चाहती है। यह प्रोपोगेंडा है। वह सीधे यूपी न जाकर मेवात और राजस्‍थान से होते हुए पंचायत को वहां ले जाएगी और खुद को मुस्‍लिमों का खैरख्‍वाह बताने की कोशिश करेगी। लेकिन मुसलमान इनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं।

मेवात से क्‍यों हुई शुरुआत?

  • मेवात देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की कर्मभूमि रही है। वह गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे, यह क्षेत्र इसी लोकसभा क्षेत्र का हिस्‍सा है।
  • 19 दिसंबर 1947 को महात्‍मा गांधी यहां के घासेड़ा गांव गए थे, मेवों को पाकिस्‍तान जाने से रोका था।
  • मुस्‍लिम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद मेवात की जिला परिषद, नगर परिषद, नगर पालिकाओं और ब्‍लॉक समितियों के चेयरमैन भाजपा के हैं।
  • पिछले दिनों यहां पर छिड़े बिरयानी विवाद के बाद भाजपा की स्‍थिति कमजोर हुई है। डींगरहेड़ी डबल मर्डर और गैंगरेप मामले को मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल के छोटी घटना बताने से यहां के लोगों में भाजपा के खिलाफ गुस्‍सा है। ऐसे में यह पंचायत डैमेज कंट्रोल का काम भी करेगी।

अल्‍पसंख्‍यकों के लिए मोदी सरकार की योजनाएं

  • नई मंजिल योजना के तहत अल्‍पसंख्‍यक छात्रों को स्‍किल ट्रेनिंग।
  • नई उड़ान योजना के तहत उन छात्रों को आर्थिक मदद दी जा रही है जिन्‍होंने संघ या राज्‍य लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली है और आगे तैयारी में जुटे हुए हैं।
  • नई रौशनी के तहत अल्‍पसंख्‍यक महिलाओं में लीडरशिप विकसित करने की योजना।
  • सीखो और कमाओ योजना के तहत अल्‍पसंख्‍यक छात्रों को स्‍किल ट्रेनिंग दी जा रही है।
  • 2014-15 में 19,518 अल्‍पसंख्‍यकों को 185.4 करोड़ रुपये का लोन काम शुरू करने के लिए दिया गया।

BJP1भाजपा शासनकाल में मुसलमानों के विरोध में ये हुआ:

  • पश्‍चिमी उत्‍तर प्रदेश में लव जेहाद, घर वापसी जैसे मामले जोर-शोर से उठाए गए।
  • गाय को लेकर भाजपा काफी आक्रामक हुई। दादरी के पास बिसाहड़ा गांव में गोमांस रखने के शक में अखलाक की हत्‍या हो गई।
  • गोरक्षा के नाम पर मुसलमानों पर हमले बढ़े हैं।
  • गोरखपुर के सांसद योगी आदित्‍यनाथ और सरधना से विधायक संगीत सोम ने कैराना में हिन्‍दुओं के कथित पलायन को लेकर खूब मुद्दा उछाला।
  • भाजपा से जुड़े साधु, साध्‍वियों ने मुस्‍लिमों को लेकर आक्रामक रुख अख्‍तियार किया। उनकी राष्‍ट्रभक्‍ति पर सवाल उठाए।
  • जगह-जगह ‘गोरक्षक’, ‘गोसेवक’ और उनकी समितियां बन गईं। गुड़गांव में मेवात के युवकों को गोबर खिलाने का मामला सामने आया।
  • मेवात में गोमांस के संदेह पर बिरयानी के ठेलों से मांस के नमूने एकत्र किए गए।

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