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क्या सचमुच पोटाश है नेता कमल हासन में, या बढ़ा रहे हैं परम्परा ?

दक्षिण भारत. सिनेमा के लोगों की सियासी जमीन तैयार करने का बेहतरीन स्टूडियो. सिनेमा से निकले तो एम करुणानिधि ने इतिहास रच दिया. सिनेमा का कोई आदमी पहली बार मुख्यमंत्री बन गया. साल था 1969 और राज्य था तमिलनाडु. उसके बाद सिनेमा का एक और कामयाब शख्स राजनीति के मैदान में उतरा. पहले करुणानिधि की पार्टी जॉइन की, फिर अपनी पार्टी बनाई और बन गया तमिलनाडु का मुख्यमंत्री. नाम था एमजी रामचंद्रन और साल था 1977. रामचंद्रन मुख्यमंत्री बने तो पार्टी में सिनेमा की एक हिरोइन भी शामिल हो गई, जयललिता. वो भी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं.

क्या सचमुच पोटाश है नेता कमल हासन में, या बढ़ा रहे हैं परम्परा ?
एनटी रामा राव, एम करुणानिधी और जयललिता

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अब इस जमात में शामिल होने के लिए साउथ के सुपर स्टार कमल हासन भी तैयार हैं. शुरुआत तो तमिलनाडु से ही होगी, लेकिन पार्टी कौन सी होगी, अभी वो तय नहीं पाए हैं. सुपर स्टार हैं, तो खुद की पार्टी बनाने का भी दमखम रखते हैं. सुपर स्टार हैं और राजनीति में आने को तैयार हैं तो पहले से बनी-बनाई पार्टियां उन्हें हाथों-हाथ लेने को भी तैयार हैं. सियासी पारी शुरू करने जा रहे कमल हासन वक्त-वक्त पर अपनी राजनीतिक समझ को सामने लाते रहे हैं. नेताओं से पहले जनता को ईमानदार होगा की बात कहने वाले कमल हासन ने  पिछले कुछ दिनों में राजनीति पर उन्होंने कुछ कहा है-

1.कोई भी राजनीतिक दल विचारधारा पर टिका होता है. मुझे नहीं लगता कि मेरा राजनीतिक लक्ष्य किसी दल की विचारधारा से मेल खा सकता है.

2. तमिलनाडु की राजनीति बदल सकती है. मैं उस बदलाव को लाना चाहता हूं. चाहे उस बदलाव की गति धीमी ही क्यों न हो?

3. वोट देकर मुझे राजनीति में इसलिए न बुलाएं कि बाहर करने के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़े. अगर मुझसे काम ना हो तो तुरंत निकाल दें.

4. मैं परेशानियों से तुरंत छुटकारा दिलाने का वादा नहीं कर रहा, लेकिन मैं बदलाव का वादा करता हूं.

5. राजनीति से या तो मैं बाहर जाऊंगा या भ्रष्टाचार, दोनों साथ नहीं रह सकते.

राजनीति में आने से पहले का उनका ये पॉलिटिकल स्टैंड है. वो कहते हैं कि मेरा राजनीतिक लक्ष्य किसी की विचारधारा से मेल नहीं खाता है. इसके ठीक बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कमल हासन से मुलाकात करते हैं और उनसे भ्रष्टाचार की लड़ाई में साथ आने का न्यौता देते हैं. हासन इसका स्वागत करते हुए कहते हैं-

दिल्ली के सीएम मुझसे मिलने आए, मेरे लिए यह सम्मान की बात है. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. उनकी छवि करप्शन से लड़ने को लेकर रही है.

इससे पहले कमल हासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि कोई तो ऐसा है, जो देश को बदलने के बारे में कम से कम सोच रहा है. वो केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन के साथ भी सियासत पर बात करते हैं. इसके बाद वो कहते हैं-

मैं फिल्म उद्योग में 40 साल से हैं लेकिन मैं आपको एक चीज कह सकता हूं कि मेरा रंग निश्चित तौर पर भगवा नहीं है.

इसके अलावा पी विजयन से मुलाकात पर कमल हासन ने कहा था-

अधिकतर वामपंथी मेरे नायक हैं . मैं चीजों के मध्य में रहना चाहता हूं और पक्ष नहीं लेना चाहता.

केरल के मुख्यमंत्री के पी विजयन के साथ कमल हासन.

वो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी के काम की लंबे समय से आलोचना कर रहे हैं. वो वक्त-बेवक्त समाज से जुड़े मुद्दों के साथ ही सियासत पर भी ट्वीट करते रहते हैं. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि काम नहीं तो पैसा नहीं, सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए क्यों? रिसॉर्ट में सौदा करने वाले नेताओं के बारे में क्या राय है.”

इसके अलावा भी कमल हासन ने कई अलग-अलग मौकों पर तमिलनाडु की राजनीति के साथ ही पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से संबंधित विवादों पर ट्विटर के जरिए अपनी राय रखी है.

रजनीकांत भी राजनीति में जाने का ऐलान कर चुके हैं

तमिलनाडु में राजनीति को साफ-सुथरा करने के लिए कमल हासन सबसे बड़े सुपर स्टार रजनीकांत की भी मदद लेना चाहते हैं. वो कहते हैं-

‘अगर रजनीकांत राजनीति में आते हैं, तो मैं उनके साथ काम करना चाहूंगा. प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद हम दोनों हमेशा से ही अपने पेशे से जुड़े मुद्दों पर बात करते हैं. वो राजनीति में आते हैं तो हम दोनों को राजनीतिक विषयों पर बात करने में कोई परेशानी नहीं होगी.

अब कमल राजनीति में आने को तैयार हैं. कह रहे हैं कि अगर अगले 100 दिनों में चुनाव हुए तो वो उस चुनाव में जरूर नजर आएंगे. इसके अलावा उन्होंने मीडिया से बातचीत में ये भी कहा है कि वो किसी भी मौजूदा राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं जाएंगे. ऐसे में उन्हें सियासत को ठीक से परखकर ही मैदान में उतरना होगा. अपनी ग्लैमरस छवि को भुनाने के दौरान कमल हासन को ये भी याद रखना होगा कि जिन लोगों ने इस छवि के सहारे सियासत में कदम रखा है, चाहे वो करुणानिधि हो या जयललिता, इनपर भ्रष्टाचार के इतने आरोप लगे हैं कि उसके आगे उनकी ग्लैमरस छवि पूरी तरह से फीकी पड़ जाती है.

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