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खाने की पैकेजिंग पर सरकार का फैसला, बदल जाएंगे नियम

आने वाले दिनों में देश में खाने-पीने के आइटम्‍स की पैकेजिंग में बड़ा बदलाव होने वाला है. दरअसल, खाने-पीने के सामानों की निगरानी करने वाली फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने आपकी सेहत को लेकर एक अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब खाने-पीने की चीजों को री-साइकलिंग वाली प्लास्टिक और अखबारों में पैक करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैं. इसमें खाने-पीने के सामान को लाने-ले जाने, भंडारण करने वाले और वितरण करने वाले थैलों में भी अखबार या री-साइकलिंग प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाना है. पैकेजिंग के नए नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे.

खाने की पैकेजिंग पर सरकार का फैसला, बदल जाएंगे नियमक्‍यों लिया गया फैसला

री-साइकलिंग वाली प्लास्टिक के अलावा अखबारों में स्याही और डाई होते हैं. जब इन्‍हीं प्‍लास्टिक या अखबार से खाने-पीने के सामान पैक होते हैं तो उससे कैंसर की आशंका होती है. इसी को संज्ञान में लेकर एफएसएसएआई ने अखबार में खाने-पीने वाली चीजों को बांधने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही खाद्य सामग्री की पैकेजिंग पर छापी जाने वाली स्याही के इस्तेमाल को भी भारतीय मानकों के अनरूप तय किया गया है.

1 जुलाई से होगा लागू

एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि नए पैकेजिंग नियम भारत में खाद्य सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाएंगे.  उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में इन नियमों के लागू होने में दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन इसी को ध्यान में रखते हुए इन्हें लागू करने से पहले पर्याप्त समय दिया जा रहा है. अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में सभी हितधारकों से बातचीत की जाएगी. इसके अलावा  ग्राहकों और कारोबारों के बीच व्यापक स्तर पर जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा. बता दें कि नए पैकेजिंग नियम एक जुलाई 2019 से प्रभाव में आएंगे.

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