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इस बैंक ने 2500 से अधिक कर्मचारियों को धक्के मार किया बाहर, ये है असली वजह

प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंकों में शुमार यस बैंक ने फेस्टिव सीजन की शुरुआत से पहले अपने 2500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन कर्मचारियों को ऑटोमेशन, डिजिटाइजेशन, खराब पर्फोमेंस की वजह से बाहर किया गया है। यह बैंक में कार्यरत कुल कर्मचारियों का 10 फीसदी हिस्सा है। बैंक के पूरे देश में 21 हजार से अधिक कर्मचारी हैं। इस बैंक ने 2500 से अधिक कर्मचारियों को धक्के मार किया बाहर, ये है असली वजह

इससे पहले प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक में शुमार एचडीएफसी बैंक ने पिछले साल मार्च 2017 तक 11 हजार से अधिक कर्मचारियों को बाहर किया था।

बैंक का कदम अप्रत्याशित
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, बैंक ने यह कदम तब उठाया है जब उसके चीफ राणा कपूर ने अपने ब्रांच नेटवर्क 1020 से 1800 तक बढ़ाने की बात कही थी। इस हिसाब से बैंक कर्मचारियों को मैनेजमेंट का यह कदम काफी अप्रत्याशित लगा है।

बैंक के मैनेजमेंट ने ई-मेल जारी करके कहा कि यह अप्रेजल से पहले की जाने वाली कवायद है, जो कि हर बैंक में फॉलो किया जाता है। बैंक ऐसे कर्मियों को अपने साथ नहीं रख सकता है, जिनकी उत्पादकता काफी अच्छी नहीं रही थी।

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डिजिटाइजेशन से ब्रांच हुई बेमानी
कपूर ने अपने टॉप मैनेजमेंट को ईमेल करके कहा कि डिजिटाइजेशन की वजह से ब्रांच, एटीएम, पीओएस मशीन, डेबिट व क्रेडिट कार्ड बेमानी हो गए हैं। ऐसे में हमें अपना विस्तार काफी सोच समझकर करना होगा। ऑटोमेशन की वजह से बैंक अब अपने ऑपरेशन के लिए रोबोट का सहारा ले रहे हैं। हमारे डिजिटल ट्रांजेक्शन काफी बढ़ गए हैं, जिससे डिजिटल पर ज्यादा फोकस करना पड़ रहा है।

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