उत्तर प्रदेशराज्य

खुशखबरी: लखनऊ में शुरू होगी एक एडवांस्ड सर्जरी

liver-surgery-56757f8459cc2_exlstदस्तक टाइम्स एजेन्सी/डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में जल्द ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू होने की उम्मीद है। संस्थान प्रशासन ने इसके लिए मशीन का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अब तक प्रदेश के किसी मेडिकल कॉलेज या संस्थान में इस तरह की सुविधा नहीं है। रोबोटिक मशीन की कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है।

पीजीआई ने भी शासन और एक बड़े कॉरपोरेट हाउस से रोबोटिक सर्जरी के लिए मशीन की डिमांड पहले से कर रखी है। सर्जरी की दुनिया में यह सबसे नई टेक्नोलॉजी है। ऐसी सर्जरी डायरेक्टली सर्जन अपने हाथ से नहीं करके मशीन की मदद से करता है। इसमें जिस मशीन का इस्तेमाल होता है उसमें रोबोटिक पोर्ट या आसान शब्दों में कहें हाथ होते हैं।

ये पोर्ट बेहद छोट टूल्स की मदद से सर्जरी को अंजाम देते हैं। सर्जन कंसोल की मदद से इन पोर्ट को नियंत्रित करता है। लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ दीपक मालवीय ने कहा कि संस्थान के लिए सरकार से रोबोटिक सर्जरी मशीन की मांग की गई है। यह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है और संस्थान पहुंचने वाले मरीजों का इसका लाभ मिले इसका पूरी कोशिश की जा रही है।

संस्थान के विस्तार पर भी जोर दिया जा रहा है जिसका सीधा लाभ मरीजों को मिल सके। सर्जरी के लिए कोई बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ता। इससे मरीज सर्जरी के चार से पांच दिन के बाद घर जा सकता है।

कार्डियोलॉजी, इंडोक्राइन, यूरोलॉजी और गैस्ट्रो के मरीजों का आमतौर पर बड़ा ऑपरेशन होता है। यह मशीन आने से इन विभागों में आने वाले मरीजों को राहत मिलेगी। पोर्ट को360 डिग्री पर आसानी से घुमाया जा सकता है और उस हिस्से तक आसानी से पहुंचा जा सकता है जहां लेप्रोस्कोप या ओपन सर्जरी में पहुंचने में दिक्कत होती है।

फिलहाल रोबोटिक सर्जरी की सुविधा दिल्ली के एम्स और गुड़गांव समेत कई अन्य प्राइवेट सेक्टर के बड़े अस्पतालों में है। प्राइवेट अस्पतालों में इससे सर्जरी के लिए चार से आठ लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। संस्थान में मरीजों को सिर्फ एक से डेढ़ लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

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