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गजब की रही ‘दादा’ की लव स्टोरी, 2 बार की डोना से शादी

CALCUTTA, INDIA: Indian cricket captain Sourav Ganguly (R) cuts a cake as he celebrates his 32nd birthday accompanied by his wife Dona at their home in Calcutta, 08 July 2004. Ganguly will be leading India in the Asia Cup One Day tournament which is scheduled to take place in Sri Lanka from 16 July - 01 August. AFP PHOTO/STR (Photo credit should read STR/AFP/Getty Images)
CALCUTTA, INDIA: Indian cricket captain Sourav Ganguly (R) cuts a cake as he celebrates his 32nd birthday accompanied by his wife Dona at their home in Calcutta, 08 July 2004. Ganguly will be leading India in the Asia Cup One Day tournament which is scheduled to take place in Sri Lanka from 16 July – 01 August. 

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/रोमांस सिर्फ फिल्मी पर्दे पर ही नहीं किया जाता है बल्कि वास्तविक जीवन में भी खूब हुए हैं। अनगिनत फिल्में तो ढेरों वास्तविक रोमांटिक कहानियों पर ही बनी हैं और आगे भी बनती रहेंगी।

आज हम जिस स्वीट लव स्टोरी की बात करने जा रहे हैं वो है टीम इंडिया के महाराज यानी अपने दादा सौरव गांगुली और डोना रॉय के बीच की है। दोनों के बीच प्यार कब हो गया इसका भान उन्हें भी नहीं हुआ क्योंकि दोनों बचपन से ही एक-दूसरे को जानते थे और एक दिन में ही कई बार उनकी मुलाकात हो जाया करती थी। ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ गांगुली के अंदाज को देखकर नहीं लगता कि उनकी लव स्टोरी बेहद दिलचस्प रही होगी।

टीम इंडिया के ‘दादा’ की लव स्टोरी बेहद शानदार रही है और आप जब इस स्टोरी को पढ़ेंगे तो आपको ऐहसास होगा कि इनकी रोमांस की कहानी कितनी फिल्मी है। इस रोमांस में भी कई उतार-चढ़ाव और तनाव के ढेरों क्षण हैं।

दादा और डोना का परिवार कोलकाता के बेहाला में पड़ोसी रहा और एक समय में आपस में बिजनेस पार्टनर भी रहे, लेकिन किसी बात पर दोनों परिवारों में तकरार हो गया और रिश्तों में तल्खी आ गई। दोनों के घर की बाउंड्री एक ही थी पर बातचीत बंद हो चुकी थी। इन सब बातों से बेपरवाह दोनों की दोस्ती बचपन में हो गई और धीरे-धीरे आपस में गहरे मित्र भी बनते चले गए।

जैसे कि हर लव स्टोरी में ढेरों दिक्कतें आती हैं तो इस स्टोरी में भी कई ट्विस्ट आए। दोनों के मिलन में कई बाधाएं भी थीं। बचपन के दिनों में दोनों के परिवार के बीच संबंध बहुत मधुर नहीं रहे इसलिए जवानी की दहलीज पर कदम रखने के बाद उन्हें लोगों की निगाहों से बचकर अपने घर से दूर मिलना पड़ता था।

बचपन में सौरव गांगुली सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ा करते थे तो डोना लोरेटो कॉन्वेंट में। घर पर आपस में मिल नहीं सकते थे तो दूर कहीं और मिलना होता था दोनों का। स्कूल आने-जाने के बहाने ही इनका मिलना जारी रहा। दोनों के स्कूल में काफी दूर थे और बेहद रईस परिवार से ताल्लुक रखने वाले ‘दादा’ अपने स्कूटर से डोना के स्कूल चले जाते थे और उनसे वहीं मुलाकात करते थे।

इसके अलावा दो अन्य कारण और भी रहे जो उन्हें आपस में मिलने से रोकते थे। पहली बात यह कि गांगुली ब्राह्मण परिवार से थे जबकि डोना का परिवार ब्राह्मण नहीं था। दूसरा, गांगुली के परिवार को डोना का डांसर होना पसंद नहीं था। बावजूद इसके दोनों के बीच रोमांस जारी रहा और दोनों एक-दूसरे के प्रोफेशन को सम्मान भी देते रहे। गांगुली चोरी-छिपे डोना का डांस देखने जाया करते थे तो वह भी उनका खेल देखने स्टेडियम जाती थीं।

चोरी-छिपे मिलते-मिलते दोनों जवां हुए और अपने-अपने क्षेत्र में शुरुआती कामयाबी हासिल करने के बाद एक-दूसरे का होने का फैसला कर लिया, लेकिन उन्हें घर से हरी झंडी मिलने की संभावना नहीं दिखीं। उनके प्रेम संबंधों की बात जब गांगुली के घर पहुंची तो उन्होंने किसी गैर-ब्राह्मण लड़की से शादी करने के लिए इजाजत देने से इंकार कर दिया। वहीं डोना का परिवार भी इस रिश्ते से खुश नहीं था और उसने भी इंकार कर दिया। इस बीच गांगुली का चयन टीम इंडिया के लिए हो चुका था और उन्हें जून, 1996 में इंग्लैंड जाना पड़ गया।

 

 

इंग्लैंड में सौरव गांगुली ने टेस्ट करियर की शुरुआत की और अपने पहले ही मैच (लॉर्ड्स) में शतक लगाकर तहलका मचा दिया और उनके लिए यह दौरा बेहद शानदार रहा। वापस लौटने पर गांगुली ने उस समय के बंगाल के बड़े क्रिकेटर और दोस्त मौली बनर्जी से अपनी दिल की बात बताई। उन्होंने मौली से उनका साथ देने का अनुरोध किया जिसे शुरुआती झिझक के बाद स्वीकार कर लिया।

फिर एक दिन पहले से तय कार्यक्रम के आधार पर गांगुली और डोना दक्षिण कोलकाता कॉलोनी में बनर्जी के घर पर पहुंच गए। यहां से दोनों मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस के लिए निकले, लेकिन अभी वह वहां पहुंचे भी नहीं थे कि उनके कुछ प्रशंसक और मीडिया से जुड़े लोग वहां दिखाई दिए। उनकी किस्मत अच्छी रही कि गाड़ी से पहले बनर्जी बाहर निकले और वहां की भीड़ देखकर डर गए और उन्हें लगा कि अगर उनकी शादी यहां होती है तो खबर मीडिया में चली जाएगी और अगले दिन फोटो अखबार में छप जाएगी। फिर उन्होंने रजिस्ट्रार को मनाया और अपने घर ले गए।

रजिस्ट्रार श्याम सुंदर गुप्ता क्रिकेटर बनर्जी के घर पहुंचे और सारी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों की शादी दोस्त के घर पर करा दी गई। उनकी यह शादी 12 अगस्त, 1996 को हुई, लेकिन इस शादी से दोनों का परिवार अंजान था। शादी के समय दादा की उम्र 23 और डोना 20 साल की थीं।

इसके बाद गांगुली ने टीम इंडिया के साथ श्रीलंका के दौरे पर जाने से 2 दिन पहले यह कहते हुए सभी को चौंका दिया कि उन्हें और डोना को मीडिया की ओर से परेशान नहीं किया जाए। इस घोषणा से दोनों के बीच रिश्तों का खुलासा हो गया। दोनों के घरवाले बेहद खफा हो गए लेकिन उनके हाथ में करने को कुछ नहीं बचा था। गांगुली अब बडे़ क्रिकेटर हो चुके थे और ज्यादा बदनामी से बचने के लिए उन लोगों को अपने बच्चों की जिद के आगे झुकना पड़ा।

श्रीलंका से लौटने पर दादा और डोना की फिर से शादी कराई गई। पहली शादी जो एक साधारण घर में हुई थी तो इस बार यही शादी बेहद भव्य तरीके से की गई। 21 फरवरी, 1997 को दोनों अपने घरवालों के सामने सात फेरे लिए और एक-दूजे के हो गए। इस बार मीडियावालों को भी फोटो खींचने से नहीं रोका गया और अगले दिन हर अखबार के मुख्य पृष्ठ पर नवदंपति की फोटो भी छपी।

दोनों की शादी के अब 19 साल हो चुके हैं, उनकी एक बेटी सना (3 नवंबर, 2001) भी है। डोना के अनुसार गांगुली आज भी उनके बेस्ट फ्रेंड हैं और उन्होंने उनसे प्यार किया है न कि उनके क्रिकेट से।

 
 

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