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गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर बोले डर लगने लगा है, क्योंकि लड़कियों ने भी बीयर पीना शुरू कर दिया है

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को लड़कियों के बीयर पीने पर कमेंट किया है. पर्रिकर ने कहा, ‘मुझे अब डर लगने लगा है, क्योंकि अब तो लड़कियों ने भी बियर पीना शुरू कर दिया है. सहन शक्ति की सीमा टूट रही है.’ विधानसभा सचिवालय, पोरवोरिम की ओर से आयोजित राज्य युवा संसद कार्यक्रम में पर्रिकर ने कहा, ‘सभी नहीं, मैं इस भीड़ की बात नहीं कर रहा (उन्होंने भीड़ की तरफ इशारा किया).’ भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई के पूर्व छात्र पर्रिकर ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स लेना कोई नई परिघटना नहीं है.गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर बोले डर लगने लगा है, क्योंकि लड़कियों ने भी बीयर पीना शुरू कर दिया है

मादक पदार्थों के खिलाफ हैं पर्रिकर
उन्होंने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा, ‘जब मैं आईआईटी में था, तो वहां एक कुछ चंद छात्रों का समूह गांजे का नशा करता था. तो, यह कोई आज की परिघटना नहीं है. कुछ छात्रों पर पोर्नोग्राफी (अश्लील फिल्म) का जुनून सवार था.’

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में मादक पदार्थो के कारोबार के खिलाफ कार्रवाई की है. लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि मादक पदार्थों की यह समस्या शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश कर गई है.

पर्रिकर ने कहा कि मादक पदार्थों के पूरे नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है और यह तब तक बंद नहीं होगी जब तक मादक पदार्थ का कारोबार खत्म नहीं हो जाता. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मादक पदार्थ बेचने वाले 170 लोगों की गिरफ्तारी के बाद 13 अगस्त 2017 को मैंने निर्देश दिए थे. नियमानुसार कम मात्रा में मादक पदार्थ मिलने पर आठ से 15 दिन या एक महीने में जमानत मिल जाती है. हमारे न्यायालय भी दयालु हैं.. लेकिन कम से कम दोषी पकड़े जाते हैं.’

बयानवीर हैं पर्रिकर
मनोहर पर्रिकर इससे पहले भी बयानों को लेकर चुर्चा में रहे हैं. रक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए मनोहर पर्रिकर ने साल 2017 में कहा था कि भारत पहले परमाणु हथियारों का इस्‍तेमाल कर सकता है. पर्रिकर के इस बयान से सरकार और रक्षा मंत्रालय ने किनारा कर लिया था.

साल 2015 में पर्रिकर रक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्रियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया था. उन्होंने कहा था, ‘देश के महत्वपूर्ण सुरक्षा हितों से जुड़ी नीतियों का निर्माण करना पड़ता है, जिसमें 20 से 30 साल का समय लगता है. दुखद है कि कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों ने इन हितों के साथ समझौता किया.’

मई 2015 में एक बार फिर पर्रिकर ने ऐसा बयान दिया जिसने दुनिया को चौंका दिया था और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ जहर उगलने का मौका दे दिया. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘हमें आतंकियों को आतंकियों के सहारे से ही खत्म करना होगा. हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? हमें ऐसा करना चाहिए.’

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