घर-परिवार से ही होती है एकता व शान्ति के वातावरण की शुरुआत : बृजेश पाठक
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) द्वारा ‘एनुअल मदर्स डे’ समारोह का भव्य आयोजन
लखनऊ ; सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) द्वारा ‘एनुअल मदर्स डे’ समारोह का भव्य आयोजन सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि श्री बृजेश पाठक, कानून एवं न्याय मंत्री, उ.प्र., ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि बृजेश पाठक ने कहा कि अनुशासित एवं संस्कारयुक्त वातावरण में पले-बढ़े बालक ही आगे चलकर समाज का मार्गदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने उपस्थित माताओं का आहवान करते हुए कहा कि से घर के प्रेममय व ईश्वरमय वातावरण से बच्चों का विकास बहुत संतुलित एवं तेजी से होता है। उन्होंने आगे कहा कि परिवार समाज की सबसे छोटी परन्तु सबसे सशक्त इकाई है एवं एकता व शान्ति के वातावरण की शुरूआत घर-परिवार से ही होती है।
समारोह का शुभारम्भ विश्व शान्ति एवं ईश्वरीय एकता का सन्देश देती ‘सर्व-धर्म एवं विश्व शान्ति प्रार्थना’ से हुआ, जिसके माध्यम से विद्यालय के छात्रों ने सभी के हृदयों को प्रभु प्रेम से सराबोर कर दिया। इस भव्य समारोह में रंग-बिरंगी पोशाकों में हँसते-गाते नन्हें-मुन्हें बच्चों ने जीवन का उल्लास बिखरते हुए एक से बढ़कर एक शानदार शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अनेकता में एकता, सहयोग, सहकार एवं सामूहिकता का अभूतपूर्व एवं विराट दृश्य प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया एवं तालियों की गड़गड़ाहट से सम्पूर्ण ऑडिटोरियम गूँज उठा। भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुतियों से छात्रों ने माँ की महिमा का बखान किया, साथ ही अपने अभूतपूर्व प्रतिभा प्रदर्शन से अभिभावकों को गद्गद् कर दिया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत ‘वर्ल्ड पार्लियामेन्ट’ के शानदार प्रस्तुतिकरण ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया।
सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर कहा कि सी.एम.एस. द्वारा ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं जिससे कि प्रत्येक बालक को घर व विद्यालय दोनों जगह विश्व एकता एवं विश्व शान्ति के विचार मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने में बहुत मददगार होते हैं। सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या जयश्री कृष्णन ने बच्चों की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमें अभिभावकों का जो सहयोग बराबर मिलता है यह उसी का परिणाम है। अभिभावक ही बालक में निहित प्रतिभा को विकसित करने का सुअवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि अभिभावक जिस विश्वास के साथ अपने प्रिय बच्चों को अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ अच्छा इन्सान बनाने के लिए भेजते हैं, उस पर अवश्य खरे उतरेंगे।