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घाटे में मिले बीएसएनएल की सेहत सुधारना मेरी प्राथमिकता : रविशंकर प्रसाद

ravi-shankar-prasad_635x391_71452488415इंदौर: बीएसएनएल की सेहत सुधारने को अपनी प्राथमिकता बताते हुए दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी की स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। प्रसाद ने बीएसएनएल के एक कार्यक्रम में कहा, बीएसएनएल का स्वास्थ्य सुधारना मेरी प्राथमिकता है। हम इस सिलसिले में हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हम इस कंपनी की हालत बेहतर करके ही रहेंगे। उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में बीएसएनएल की स्थिति बिगड़ गई।

प्रसाद ने कहा, पूर्व पीएम अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का कार्यकाल वर्ष 2004 में खत्म हुआ, तब बीएसएनएल 10,000 करोड़ रुपये के मुनाफे में थी। हम करीब 10 साल बाद दोबारा सत्ता में आये, तो हमने बीएसएनएल को 8,000 करोड़ रुपये के घाटे में पाया।’ उन्होंने बीएसएनएल की हालत में सुधार के लिए मौजूदा एनडीए सरकार के विभिन्न कदमों का विवरण देते हुए बताया कि इस कम्पनी ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में 672 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ हासिल किया।

प्रसाद ने बताया कि वह बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अनुपम श्रीवास्तव के साथ कल 18 जनवरी को इंदौर का एक घंटे तक दौरा करेंगे और खुद जांचेंगे कि इस कंपनी के मोबाइल नेटवर्क में किन स्थानों पर कॉल ड्रॉप की समस्या है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू होकर 21 मई तक चलने वाले सिंहस्थ मेले के दौरान मध्यप्रदेश की इस धार्मिक नगरी में बीएसएनएल की सर्वश्रेष्ठ सेवाएं सुनिश्चित करें।

डाक विभाग की कार्यप्रणाली में आमूलचूल बदलाव पर जोर देते हुए प्रसाद ने कहा, ‘मैं डाक विभाग को उदासीनता की स्थिति से बाहर निकालना चाहता हूं। डाक कर्मचारी अब सक्रिय हो जाएं और ग्राहकों को मुस्कुराते हुए सेवा दें।’ उन्होंने बताया कि डाक विभाग को ई-कॉमर्स के क्षेत्र से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। मार्च 2017 से इस विभाग का भुगतान बैंक शुरू करने की योजना पर भी काम जारी है।

प्रसाद ने मैसेजिंग सेवा वाट्सऐप पर बीएसएनएल ग्राहकों के शिकायत दर्ज करा सकने की सुविधा और तीन अन्य परियोजनाओं की औपचारिक शुरुआत की। इस कार्यक्रम में बीएसएनएल के सीएमडी अनुपम श्रीवास्तव और मध्यप्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

 

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