चमत्कारी मंदिर, यहाँ हर दिन बढ़ता जा रहा है भगवान श्री गणेश की मूर्ति आकार
हमारे देश मे भगवान गणेश के प्रथम देवता के रूप मे माना जाता है। जिसके चलते कोई कार्य शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसी के चलते पूरे देश मे कई सारे गणेश मंदिर है। कई बार हम गणेश जी के चमत्कारों के बार मे सुनते रहते है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गणेश मंदिर के बार मे बता रहे हैं। जिसके बार में जानकर आप चौंक जाएंगे।
दोस्तों हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं। वह चित्तूर का कनिपक्कम गणपति मंदिर भी है। जो अपने विशेष चमत्कारों के लिए जाना जाता है। दरअसल कनिपक्कम विनायक का ये मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में मौजूद है। बता दें कि इस मंदिर की स्थापना 11वीं सदी में चोल राजा कुलोतुंग चोल प्रथम ने की थी।
कहा जाता है कि मान्यताओं के अनुसार पहले यहां तीन भाई रहते थे। जो खेती करने के लिए कुआं खोद रहे थे। जहां उन्हे एक पत्थर दिखाई दिया। जैसे ही उन्होंने इस पत्थर को हटाया तो खून निकलने लगे। जिससे कूए का पानी लाल हो गया। साथ एक चमत्कार भी हुआ। उसी समय वहां पर एक गणेशजी की एक प्रतिमा उत्पन्न हुई। कहा जाता है कि उसके दर्शन करते ही तीनो भाइयों की विकलांग्ता सही हो गई।
कहा जाता है कि यह प्रतिमा पूरे गांव मे फैल गई। जहां लोग दर्शनों के लिए आने लगे। इसके बाद उस प्रतिमा को वहीं पर स्थापित कर दिया गया। कहा जा रहा है कि मंदिर में मौजूद मूर्ति का आकार हर दिन बढ़ता जा रहा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि यहां पर एक भक्त ने भगावन के लिए कवच दिया था
लेकिन मूर्ति का आकार बढ़ने की वजह से वह पहनाया नहीं जा सका है। बताया जा रहा है कि प्रतिमा का पेट और घुटने का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है।