चीनी सामानों का बहिष्कार करेगा संघ, दीपावली तक चलेगा अभियान
लखनऊ : भारत को सशक्त,समृद्ध व आत्मनिर्भर तथा चीन के समानों का बहिष्कार कर उसे चुनौती देने के लिए रविवार को संघ ने राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा जागरण अभियान की शुरूआत की। यह अभियान 8 से 15 अक्टूबर तक चलेगा। यह अभियान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अवध प्रान्त के सह प्रान्त प्रचार प्रमुख रमेश ने राधिकादेवी रस्तोगी धर्मशाला निकट दुगांवा पुलिस चौकी से शुरूआत की। उन्होंने चीन की विश्वासघाती नीति का याद दिलाते हुए कहा कि 1962 में चीन ने हमारी 43 हजार वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया। उस समय हमारे तीन हजार 80 जवान शहीद हुए। आज भी अरूणांचल प्रदेश समेत भारत की 90 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि पर चीन अपना दावा कर रहा है। आये दिन भारतीय सीमा में चीनी सैनिक घुसपैठ करने का प्रयास करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि चीन सदैव चारों तरफ से भारत को घेरने और पड़ोसी देशों को हमारे खिलाफ खड़ा करने की कोशिश में रहता है। पाकिस्तान में तो 3,120 अरब रूपये का बड़ा आर्थिक गलियारा सीटीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनमिक कारिडोर) भारत के विरोध के बावजूद बना रहा है।
संघ प्रचारक ने कहा कि हमारा 190 देशों से व्यापार है, उसमें सबसे बड़ा ट्रेड पार्टर चीन हो गया है, उसमें भी भारत से चीन को केवल 9 बिलियन डॉलर का सामान जाता है और चीन से आता है। 61.8 बिलियन डॉलर, यानि 52.8 बिलियन का घाटा प्रतिवर्ष जो रूपयों में बनता है वह 3542 अरब रूपये है। रमेश ने कहा कि हमारे कुल विदेशी घाटे का 44 प्रतिशत अकेले चीन से है। यदि पेट्रोल को अलग रखा जाय तो 60 प्रतिशत से अधिक का घाटा है। कहा कि हमारे व्यापार में बाधा डालने के लिए चीन एनएसजी(न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप) में हमारा प्रवेश नहीं होने दे रहा है। चीन की चुनौतियों से रुबरु कराते हुए उन्होंने कहा कि भारत के बाजारों में चीनी सामानों की उपलब्धता के कारण 15 वर्षों में लाखों नौकरियां चली गयीं। हमें अपना रोजगार वापस लाना है।
उन्होंने कहा कि हमारी फैैक्ट्री बंद हो रही है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान को हर मंच पर चीन सहयोग करता है। चीन ने ब्रहमपुत्र नदी का पानी रोक दिया है। अजहर मसूद जैसे खूंखार आतंकवादी को अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने से रोक रहा है। संघ ने सभी सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों से राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि दीपावली पर सम्पूर्ण भारत में चीनी सामानों का बहिष्कार कर यह देशभक्ति, राष्ट्रभक्ति या स्वस्फूर्ति आन्दोलन है। यह स्वदेशी अभियान आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षात्मक अभियान है। वे प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि देशहीत तथा स्वहित को ध्यान में रखकर चीन का सामान न तो खरीदें और न ही बेचें और इस बारे में अपने पड़ोसियों व जनता को जागरूक करें।