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चुनाव: BJP की संयुक्ता आगे, लखनऊ को 100 साल में मिलेगी पहली महिला मेयर

लखनऊ.उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। यहां से बीजेपी की संयुक्ता भाटिया आगे चल रही हैं। नवाबों के शहर को 100 साल में पहली बार महिला मेयर मिलेगी। इस सीट के लिए सीधी लड़ाई बीजेपी की संयुक्ता, समाजवादी पार्टी की मीरा वर्धन और बहुजन समाजवादी पार्टी की बुलबुल गोडियाल के बीच मानी जा रही थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश म्युनिसिपिल एक्ट 1916 में बना था। तब से अब तक कोई भी महिला मेयर नहीं बनी। 2012 में बीजेपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा मेयर चुने गए थे। लखनऊ में नगर निगम चुनाव के लिए 26 नवंबर को वोटिंग हुए थी।चुनाव: BJP की संयुक्ता आगे, लखनऊ को 100 साल में मिलेगी पहली महिला मेयर

लखनऊ सीट का रुझान

– 10:30 बजे तक की काउंटिंग में किस पार्टी को कितने वोट मिले: BJP को 13377, SP को 7913, कांग्रेस को 3304 और BSP को 2914 वोट मिले हैं।

इनमें से एक चुनी जाएगी लखनऊ की पहली महिला मेयर

संयुक्ता भाटिया, बीजेपी की कैंडिडेट

– इनका परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा रहा है। पति सतीश भाटिया लखनऊ कैंट से बीजेपी विधायक रह चुके हैं। सतीश ने पहली बार इस सीट पर बीजेपी को जीत 1991 में जीत दिलाई थी।

– आरएसएस में संयुक्ता की अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2012 के निकाय चुनाव के दौरान भी संयुक्ता के नाम की अटकलें लगाई जा रही थीं। उन्होंने अपना नॉमिनेशन भी भर दिया था, लेकिन बाद में बीजेपी ने डॉ. दिनेश शर्मा के नाम पर मोहर लगा दी थी।

मीरा वर्धन, सपा की कैंडिडेट

– ये सोशलिस्ट मूवमेंट के जनक रहे आचार्य नरेंद्र देव के पौत्र यशोवधर्न की पत्नी हैं। मीरा मूलरूप से लखनऊ की ही रहने वाली हैं। उन्होंने लखनऊ के लॉरेटो कॉन्वेंट से पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट का कोर्स किया।

बुलबुल गोडियाल, बसपा की कैंडिडेट

– ये लखनऊ की रहने वाली हैं। इनके पति डॉ. सुधीर गोडियाल हल्दवानी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में साइकेट्रिस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी हैं।

– बुलबुल ने इंग्लिश से एमए और एलयू से एलएलबी किया है। वे लगभग 26 सालों से वकालत के पेशे में हैं। बुलबुल बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की मामी हैं।

प्रेमा अवस्थी, कांग्रेस की कैंडिडेट

– कांग्रेस ने प्रेमा अवस्थी को टिकट दिया है। ये डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की रिश्तेदार हैं।

– वहीं, आम आदमी पार्टी ने प्रियंका माहेश्वरी को कैंडिडेट बनाया है। ये स्टेशनरी मैन्युफैक्चरिंग की कंपनी चलाती हैं।

ऐसा क्यों हो रहा है?

– इस बार लखनऊ मेयर की सीट महिला के लिए रिजर्व है।

कौन बने थे लखनऊ के पहले नगर प्रमुख?

– 1960 में लखनऊ में नगर निगम बना था। उस वक्त जनसंघ विचारधारा से जुड़े राजकुमार श्रीवास्तव लखनऊ के पहले नगर प्रमुख बने थे। 57 साल के इतिहास में अब तक 18 नगर प्रमुख और महापौर

चुने जा चुके हैं। बता दें, 21 नवंबर 2002 से नगर निगम में नगर प्रमुख को महापौर (मेयर) का नाम दिया गया।

1916 में बना था यूपी म्यूनसिपैलिटी कानून

– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश म्युनिसिपिल एक्ट 1916 में बना था। बैरिस्टर सयैद नबीबुल्लाह पहले भारतीय थे, जो लोकल बॉडी के हेड बने थे। यूपी सरकार ने 1948 में निकाय के चुनावी फॉर्मेट को बदलकर एडमिनिस्ट्रेटर के लिए चुनाव कराना शुरू कर दिया था। इस पोस्ट पर पहली बार भैरव दत्त सनवाल को अप्वाइंट किया गया था।

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