उत्तर प्रदेश

प्लैटफार्म पर 1.20 लाख के नकली नोटों की खेप सहित दो दबोचे

झांसी : महानगरों की तर्ज पर बुन्देलखण्ड में भी नकली नोटों की जडें फेल रही हैं। इसका उस समय पर्दाफाश हो गया जब जीआरपी के हत्थे नकली नोट टांजेक्शन गिरोह के दो सदस्य प्लैटफार्म पर हत्थे चढ गए। दोनों युवक दो-दो हजार रूपए के नकली नोटों की 1.20 लाख रूपए की खेप को दिल्ली से लाकर उन्हें बुन्देलखण्ड के विविध क्षेत्रों में खपाने ले जा रहे थे। नकली नोटों कहां से बन कर आए, सरगना कौन है, नोटों को कहां व किस तरीके से खपाने थे आदि सवालों का जवाब जीआरपी तलाश रही है। दरअसल, अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे बी.के. मौर्या व पुलिस महानिरीक्षक रेलवे इलाहाबाद बी.आर.मीणा के निर्देशन में अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक रेलवे डॉ. ओमप्रकाश सिंह व पुलिस उपाधिक्षक रेलवे शरद प्रताप सिंह दिशा-निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक रघुवीर सिंह के नेतृत्व में उप निरीक्षक राजा भइया, हम राही सहायक उप निरीक्षक शिवप्रसाद रावत व आरक्षी अंकित राज, अनिल कुमार, नागेन्द्र चतुर्वेदी, चरन सिंह, सतेन्द्र सिंह की टीम आज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1 पर गश्त कर रही थी तभी मुखबिर की सूचना पर टीम ने प्लैटफार्म पर नेम बोर्ड से आगे दिल्ली साइड में दो युवकों को घेराबन्दी कर दबोच लिया। तलाशी लेने पर एक के पास 78000 रूपए व दूसरे के पास 40000 रूपए कुल एक लाख 19 हजार रूपए कीमत के दो-दो हजार के कर-करारे नोट मिले। जब नोटों को गहरायी से देखा गया तो वह नकली निकले क्योंकि सभी नोट अलग-अलग सीरीज में न होकर मात्र चार सीरीज में थे।

यह देख कर जब आरोपियों से पूछताछ की गयी तो उन्होंने अपना नाम फिरोज खान पुत्र आजाद खान निवासी इंद्रा नगर कालोनी थाना बबीना जिला झांसी व सगुन सिंह कुशवाहा पुत्र अतर सिंह निवासी चकरामपुर थाना नरबर जिला शिवपुर म.प्र. बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह नकली नोटों को लोगों को खुले पैसे लेन-देन के बहाने खपाते थे।
एसपी डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि उक्त तोनों के तार दिल्ली में नकली नोटों के रैकेट से जुड़े हैं क्योंकि दोनों नोटों की खेप को लेकर दिल्ली से झांसी आ रहे थे। उन्होंने बताया कि दोनों के विरूद्ध थाना जीआरपी में धारा 239, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि नकली नोट इतनी सफाई से बनाए गए हैं कि यदि उन्हें गहनता से नहीं देखा जाए तो वह असली लगते हैं। इसका प्रमाण है कि जब नकली नोट को एक पम्प पर चलाने के लिए भेजा गया तो सेल्समैन ने देख कर भी नहीं पहचाना कि नकली है। उन्होंने बताया कि यह नोट कम्प्यूटर से स्केन कर नहीं अपितु डाई से बनाए गए प्रतीत होते हैं।

एसपी ने बताया कि नकली बरामद नकली नोटों कहां से बन कर आए, सरगना कौन है, नोटों को कहां व किस तरीके से खपाने थे व इनके तार कहां-कहां जुडे हैं आदि सवालों का जवाब जीआरपी तलाश रही है। उन्होंने बताया कि दोनो से मिले मोबाइल फोन से नकली नोटों के जाल का राज फास हो सकता है। इसके लिए मोबाइल फोनों की काल डिटेल निकलवाई जाएगी। एसपी ने बताया कि पकडे गए एक आरोपी फिरोज खान निवासी बबीना जब पकडा गया तो वह लोअर पहने था। इस पर उसके लिए घर से पतलून मंगायी गयी। पतलून को लेकर पहुंची उसकी मां ने थाने में सिपाही को पतलून लाकर दी। इस पर एहतियातन जब पतलून की तलाशी ली गयी तो उसकी जेब में दो हजार रूपए का एक नकली नोट निकला। यह देख कर सभी हतप्रभ रह गए। इससे स्पष्ट हो गया कि फिरोज खान अपने घर से नकली नोट का कारोबार संचालित कर रहा है। शरद शिवहरे/21नवंबर

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