लखनऊ

चोरों-जेबकतरों के साथ बीती गायत्री प्रजापति की जेल में पहली रात

गैंगरेप मामले में फंसे यूपी के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है. गायत्री प्रजापति को जेल में पहली रात चोरों और जेबकतरों के साथ बितानी पड़ी. जेल में रहने के दौरान प्रजापति ने कैदियों से जेल की सुविधाओं के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की.चोरों-जेबकतरों के साथ बीती गायत्री प्रजापति की जेल में पहली रात

लखनऊ पुलिस की टीम गुरुवार दोपहर लगभग सवा बारह बजे गायत्री प्रजापति को लेकर जेल पहुंची थी. पुलिस जीप के पीछे-पीछे गायत्री के करीबी और दर्जनों समर्थकों की गाड़ियों का काफिला चल रहा था. जेल पहुंचने के बाद समर्थकों ने गायत्री से मिलने की पुरजोर कोशिशें कीं लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया.

जेल प्रशासन ने किसी को नहीं मिलने दिया

गायत्री के बेटे अनिल के अलावा प्रतापगढ़ के एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह, सीतापुर के एमएलसी आनंद भदौरिया, उन्नाव के एमएलसी सुनील सिंह साजन, हमीरपुर के एमएलसी रमेश मिश्रा, सुल्तानपुर के एमएलसी शैलेंद्र सिंह, सुल्तानपुर के जिला सहकारी बैंक के सभापति धर्मेंद्र सिंह, पूर्व विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह सहित कई बड़े नेता गायत्री से मिलने पहुंचे, लेकिन जेल प्रशासन ने प्रजापति से मिलने की सभी की मांग को सिरे से खारिज कर दिया.

वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाने की कोशिश

वहीं सपा के कुछ नेताओं ने जेल में गायत्री को वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाने के लिए भी सिफारिश की. एक शख्स ने अपना परिचय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निजी सचिव के रूप में दिया. करीब साढ़े बारह बजे गायत्री को जेल में दाखिल करवाकर पुलिस लौट गई. जेल के भीतर जेल प्रशासन ने गायत्री की सघन तलाशी ली. पुलिस सूत्रों की मानें तो तलाशी के दौरान गायत्री प्रजापति के कपड़े तक उतरवा दिए गए, हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है.

दोपहर में नहीं खाया खाना

दोपहर करीब एक बजे जेल नियमों के मुताबिक मंत्री गायत्री प्रजापति को मुलाहिजा बैरक भेज दिया गया. यहां गायत्री अगले दस दिन तक एक आम बंदी की तरह रहेंगे. उस बैरक में चोरी, जेब काटने, मारपीट, छीनाझपटी के अलावा छोटे-मोटे अपराध में बंद अपराधी गायत्री के साथ रहेंगे. अखिलेश सरकार के कद्दावर मंत्री गायत्री प्रजापति का जेल में पहला दिन किसी कयामत से कम न था. सूत्रों के मुताबिक, गायत्री ने दोपहर में खाना नहीं खाया.

रात में खाईं दो रोटियां

रात के खाने में गायत्री को मसूर की दाल, आलू-गोभी की सब्जी और रोटी दी गई. पहले गायत्री खाने के लिये मना करते रहे लेकिन जेल अधिकारियों के समझाने के बाद उन्होंने सिर्फ दो रोटियां खाईं. रात करीब 11 बजे बेचैन प्रजापति अपने बैरक में सो गए. मिली जानकारी के मुताबिक, गायत्री प्रजापति ज़्यादातर समय जेल में शांत बैठे रहे. कैदियों से बातचीत के दौरान गायत्री ने उनसे जेल की सुविधाओं के बारे में जानकारी लेने की भी कोशिश की.

प्रजापति समेत 6 लोग जेल में बंद

गौरतलब है कि गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट में मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ-साथ अमेठी का लेखपाल अशोक तिवारी, निजी सचिव रूपेश्वर उर्फ रूपेश, प्रजापति का बिजनेस पार्टनर विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह और कानपुर निवासी आशीष शुक्ला भी जेल में बंद है. बताते चलें कि सपा सरकार के एक कद्दावर नेता ने गायत्री को बीमार बताते हुए अस्पताल में भर्ती करवाने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें भी सफलता नहीं मिली.

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