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छठ पूजा में भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां, नही पड़ सकता है भारी

कार्तिक मास की शुक्ल चतुर्थी को छठ महापर्व मनाया जाता है। नहाय खाय के साथ छठ पूजा शुरू होती है जोकि अगले चार दोनों तक चलती है, इसमें भगवान सूर्य की छोटी बहन छठ मैय्या की उपासना की जाती है। इनके बारे में मान्यता है कि यह बड़ी ही दुलाली होती है और छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाती हैं। इसल‌िए छठ पूजा के दौरान कई बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। 

छठी मैय्या का प्रसाद बनाते समय पूरी पव‌ित्रता का ध्यान रखें। हाथ पैर धोकर प्रसाद तैयार करें। इस दौरान कभी भी मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
 अर्ग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को तैयार करने वाले को तब तक कुछ नहीं खाना चाह‌िए जब तक की प्रसाद तैयार न हो जाए।
छठ मैय्या के प्रसाद को पैर नहीं लगाना चाह‌िए और सूर्य को अर्घ्य देते समय चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के बने बर्तनों से अर्घ्य नहीं देना चाहिए।
छठी मैय्या की मनौती को नहीं भूलना चाह‌िए। जो मनौती हो उसे समय पर पूरा कर लेना चाह‌िए।

छठ का प्रसाद जहां बन रहा हो वहां भोजन नहीं करना चाह‌िए। इससे पूजा अशुद्ध  माना जाता है।
 

छठ का व्रत करने वाले को कभी भी बुरा भला नहीं कहना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का सम्पूर्ण लाभ आपको नहीं मिलता।
 

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