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छत्तीसगढ़ थाने में हुई FIR की कॉपी अब ऑनलाइन पुलिस ने शुरू किया पोर्टल, थाने में हुई

online_1482103585रायपुर(छत्तीसगढ़).अब राज्य के किसी भी थाने में किसी के भी खिलाफ दर्ज रिपोर्ट अब मोबाइल या कंप्यूटर पर देखी जा सकती है। इसके लिए पुलिस के पोर्टल पर जाना होगा। क्राइम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपना वेब पोर्टल तैयार किया है। इसमें सभी जिलाें के थानों में 17 नवंबर के बाद से दर्ज केस देखे जा सकते हैं। पोर्टल में दिसंबर के पहले हफ्ते से FIR को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसे कुछ दिनों तक ट्रायल पर रखा गया था। अब इसमें रोज थानों में दर्ज की जा रही FIR को अपलोड किया जा रहा है। जानिए पूरी खबर…
– पुलिस अफसरों ने दावा किया है कि राज्य के सभी जिलों को इस सिस्टम से जोड़ दिया गया है। किसी भी थाने में दर्ज हो रही FIR 24 घंटों के भीतर अपलोड कर दी जा रही है
– अफसरों के अनुसार रायपुर ही नहीं धुर नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा के थानों में भी दर्ज FIR आसानी से अपलोड हो रही हैं।
– यह सिस्टम भी बनाया गया है कि जहां जिस थाने में नेटवर्क की समस्या है वहां ऑफ लाइन FIR दर्ज की जा रही है।
– प्रार्थी की रिपोर्ट कंप्यूटर पर एंट्री कर उसे पेन ड्राइव में अपलोड कर मुख्यालय भेजा जाता है। उसके बाद उसे ऑन लाइन किया जा रहा है। इस तरह हर थानों को किसी न किसी सिस्टम से कवर किया जा रहा है।
जीआरपी और आरटीओ की रिपोर्ट
– पोर्टल में रेलवे पुलिस के भी संभाग या थाने की शिकायतों को देखा जा सकता है। इन्हें भी लिंक से जोड़ दिया गया है। जीआरपी में थानों में रोजाना दर्ज होने वाली शिकायतों को ऑनलाइन किया जा रहा है।
– FIR की कॉपी भी अपलोड की जा रही है। अभी रेलवे पुलिस के रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़ के थानों की FIR ऑनलाइन की गई है। इसके साथ ही परिवहन विभाग का लिंक भी उसमें जोड़ा गया है।
क्या है सीसीटीएनएस
– डिजिटल इंडिया और ई गवर्नेंस क्राइम के तहत सभी विभागों के कामकाज को ऑनलाइन किया जा रहा है। ताकि काम में पारदर्शिता बनी रही।
– इसी के तहत केंद्र सरकार ने क्राइम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) की शुरुआत की है। देश के सभी थानों को एक सर्वर से जोड़ा गया है।
राज्य के 27 जिलों में शुरू होगा सिटीजन कॉप
– पुलिस के एप सिटीजन कॉप की सुविधा रायपुर के बाद राज्य के दूसरे जिलों में शुरू की जा रही है। जनवरी के अंतिम सप्ताह में इसे राज्यभर में लांच करने की तैयारी है। इसमें और भी नए एप्लीकेशन जोड़े जा रहे हैं।
– वर्तमान में इसमें 18 एप्लीकेशन है। इसे और बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसमें 6 बड़े फीचर्स हैं, जो दूसरे राज्यों के एप से बेहतर है। रायपुर में आईजी के पद पर पदस्थ रहते हुए जीपी सिंह ने इसे लांच किया था।
– अफसरों ने बतायसा कि इसे एंड्राइट फोन के साथ आईएसओ फोन में भी उपयोग किया जा सकता है। इसमें सबसे अच्छा ई-लक्ष्मण रेखा है। इसमें खुद सुरक्षा घेरा तैयार कर सकते है।
– घर के बच्चे या किसी को सुरक्षा घेर में रख सकते है। उनके मोबाइल नंबर को एप्लीकेशन में लोड करना होगा और मैप में जाकर एक सुरक्षा घेरा बनाना होगा।
– उसके बाद यदि बच्चे शहर में उस घेरे से बाहर जाते हैं, तो मोबाइल पर अलार्म बजने लगता है। मोबाइल में लोकेशन भी आ जाता है। इस तरह के कई हाईटेक एप्लीकेशन इसमें दिए गए हैं
FIR मोबाइल पर नजर आने के फायदे
– थानों में एक बार दर्ज FIR में छेड़खानी नहीं की जा सकेगी।
– आरोपी को दर्ज रिपोर्ट के बारे में पता होगा। पक्षपात नहीं होगा।
– वरिष्ठ अफसरों की नजर में भी FIR रहेगी।
– FIR की कॉपी लेने के लिए चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
– अफसर ऑफिस में बैठकर हर थाने का रिकार्ड देख सकेंगे।
FIR देखने के लिए ये करें
– गूगल पर जाकरhttp//cgfir-ctz.cgpolice.gov.inलिंक पर क्लिक करने पर पुलिस का पोर्टल खुलता है। उसके बाद मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन पर जिले और थाने के नाम और तारीख का ऑप्शन आता है।
– जिस भी जिले के थाने में दर्ज FIR देखना होगा, उसका चयन करने के बाद तारीख दर्ज करनी होगी। उस पर क्लिक करते ही उस तारीख को दर्ज सारी FIR क्रम के साथ नजर आने लगेगी। प्रिंट और डाउनलोड करने का भी ऑप्शन है।

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