अन्तर्राष्ट्रीय

‘जर्मनी में रहता था पेरिस पुलिस स्टेशन का हमलवार’

Police officers patrol after a fatal shooting which took place at a police station in Paris, Thursday, Jan. 7, 2016. Officers shot and killed a knife-wielding man with wires protruding from his clothes at a police station in northern Paris on Thursday, French officials said, a year to the day after an attack on the French satirical newspaper Charlie Hebdo launched a bloody year in the French capital. (AP Photo/Christophe Ena)

बर्लिन: पेरिस पुलिस स्टेशन पर पिछले सप्ताह हमले की कोशिश करने वाला व्यक्ति जर्मनी के में एक आश्रयघर में रहता था। जर्मन जांचकर्ताओं ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जर्मनी की चांसलर अंजेला मर्केल का युद्ध शरणार्थियों के प्रति उदारवादी रूख कमजोर पड़ रहा है।

उत्तरी पेरिस में बृहस्पतिवार को पुलिस स्टेशन पर हमला करने की कोशिश करने के बाद पुलिस ने इस व्यक्ति को गोली मार दी थी जिससे उसकी मौत हो गई। व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो के कार्यालय पर हुए आतंकवादी हमले के ठीक एक साल बाद यह हमला हुआ। शार्ली हेब्दो के कार्यालय पर पिछले साल किए गए हमले ने पूरे पेरिस को हिला कर रख दिया था। सात जनवरी 2015 को हुए इस हमले में 12 लोग मारे गए थे।

पुलिस स्टेशन पर हुए हमले की जांच में जुटे जर्मन जांचकर्ताओं ने कल रेकलिंगॉसेन स्थित शरणार्थियों के लिए बने एक अपार्टमेंट में छापा मारा था। बयान में यह कहा गया कि आश्रयस्थल में कोई भी व्यक्ति नहीं रहता था लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी और आगे किसी और हमले की साजिश प्रतीत नहीं होती। मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि संदिग्ध का नाम एक शरणार्थी के तौर पर दर्ज किया गया है।

बहरहाल, फ्रांस के गृहमंत्री बर्नार्द काजनव ने जर्मनी के दावों पर शंका जाहिर करते हुए फ्रांस की आईटेली को बताया, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता हूं, ऐसा इसलिए क्योंकि मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह सही ही है। उन्होंने मीडिया से भी व्यक्ति की पहचान बताते समय बहुत सावधानी बरतने को कहा है। वहां की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी डीपीए ने नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया की अपराध पुलिस सेवा के प्रमुख उवे जैकब के हवाले से बताया कि संदिग्ध पहली बार 2013 में फ्रांस से जर्मनी आया था जहां इससे पहले वह पांच सालों के लिए कम से कम तीन अलग अलग नागरिकता के आधार पर अवैध रूप से रहा था। वह वास्तविक रूप से कौन है इसे लेकर हम आश्वस्त नहीं हैं।

वेल्त एम सोनताग ने कहा कि व्यक्ति ने आश्रयस्थल की दीवार पर इस्लामिक स्टेट का प्रतीक उकेरा था और आश्रय स्थल में उसका वाजिद सालिही दर्ज था। बहरहाल, फ्रांसीसी जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को बताया कि संदिग्ध के घरवालों ने उसकी पहचान कर ली है, बताया जाता है कि वह ट्यूनीशिया का रहने वाला तारेक बेलगैसेम है।

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