जलीकट्टू केस : आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई, जज ने केस से खुद को अलग किया
नई दिल्ली: तमिलनाडु में जल्लीकुट्टी पर रोक लगाने के लिये 7 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर जल्लीकुट्टी पर से बैन हटाया था। जानवरों पर अत्याचार का हवाला देकर इस पारंपरिक खेल पर पहले बैन लगा दिया गया था। इस खेल से रोक हटाने के केन्द्र के फ़ैसले के ख़िलाफ़ एनिमल वलफेयर बोर्ड सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हुआ है। इसी बीच खबर है कि सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस भानुमति ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया है। वह तीन जजों की बेंच की सदस्य थीं। अब दीपक मिश्रा की बेंच इस केस की सुनवाई करेगी।
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार की 7 जनवरी की अधिसूचना के ख़िलाफ़ कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में तमिलनाडु के जल्लीकट्टू खेल और बैलों की रेस को जानवरों के प्रति हिंसा बताया गया है और उस पर रोक की मांग की गई है। इस याचिका को एक एनजीओ ने दायर किया है। इससे पहले जल्लीकट्टू पर लगे चार साल पुराने प्रतिबंध को केंद्र सरकार ने हाल ही में हटा दिया है।
तमिलनाडु में बहुत जल्द चुनाव होने वाले हैं। इसलिए इस प्रतिबंध को हटाए जाने के फैसलों को काफी अहम माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 2014 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सांढ़ों को काबू करने के इस खेल (जल्लीकट्टू) पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित जानवरों की सूची से सांडो को हटा दिया था। इस खेल पर से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने जल्लीकट्टू और गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और पंजाब में बैलगाड़ियों की दौड़ में सांढ़ों को शामिल करने की अनुमति दे दी है।