अन्तर्राष्ट्रीय

जाधव को इस्लामिक परंपरा से ही परिवार से मिलवाया : पाकिस्तान

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में फांसी की सज़ा पाने वाले भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव सोमवार को इस्लामाबाद में अपनी पत्नी और मां से मिले। इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फ़ैसल ने कहा है कि यह मुलाक़ात इस्लामिक परंपरा के तहत मानवता के आधार पर कराई गई है। उन्होंने बताया कि कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां से मुलाक़ात इस्लामिक परंपरा के तहत मानवता के आधार पर कराई गई। जाधव को फ़र्ज़ी पहचान पत्र के साथ गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने गुनाह क़बूल किया है वह भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के लिए कुलभूषण जाधव काम कर रहे थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने कुछ भी छुपाया नहीं है। हमने इस मुलाकात के भारतीय मीडिया को भी आमंत्रित किया था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया था कि मुलाक़ात के दौरान कुलभूषण जाधव को शीशे के पीछे रखा जाएगा। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है।

मोहम्मद फैसल ने कहा कि कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने इस मुलाक़ात के लिए पाकिस्तान को शुक्रिया कहा है। भारतीय उच्चायोग के अधिकारी को इस मुलाक़ात की निगरानी के लिए जाने की अनुमति दी गई थी। हालांकि उस अधिकारी को जाधव से बात करने और उनकी बात सुनने की अनुमति नहीं दी गई थी। फैसल ने कहा कि यह मुलाक़ात 40 मिनट की थी. जाधव और उनकी मां ने मुलाक़ात का समय 10 मिनट और बढ़ाने के लिए अनुरोध किया था। मुलाक़ात बहुत सकारात्मक और खुली थी। इस मुलाक़ात के दौरान हमारा एक ऑफ़िसर भी मौजूद था।

राजनीतिक जानकार और मीडिया विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तानी मीडिया में इस मुलाक़ात को सकारात्मक और बड़ी जीत के रूप में दिखाया जा रहा है। इससे लगता है कि मुलाक़ात की योजना को पूरी तरह से सोच समझकर तैयार किया गया था। पहले ऐसा लग रहा था कि इसमें सेना शामिल होगी लेकिन इस शो में विदेश मंत्रालय सीधे तौर पर शामिल था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण जाधव की यह कोई आख़िरी मुलाक़ात नहीं है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान अभी सज़ा नहीं देने जा रहा है। पाकिस्तान को इस मामले में तत्काल सज़ा देकर निपटाने की कोई जल्दी नहीं है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान को लगता है कि वो इस तरह की इजाज़त देकर अपनी उदार छवि को पेश कर सकता है।

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