जीवनशैली

जानिए, अलग-अलग ‘बट’ साइज़ के होते हैं ये फायदे और नुकसान

फैट जरूरत से ज्यादा हो या जरूरत से कम दोनों ही सूरतों में बॉडी को नुकसान ही पहुंचाता है। इसलिए बॉडी वैट के हिसाब से ही बॉडी फैट होना चाहिए। लेकिन हमारी लाइफस्टाइल इतनी व्यस्त हो गई है कि जितना भी चाहे खानपान का खास ख्याल रखना मुश्किल हो ही जाता है और रही सही कसर खानपान की चीजों में मिलावट ने पूरी कर दी है। जिसकी वजह से बॉडी फैट गड़बड़ हो ही जाता है। जिसकी वजह से पेट की चर्बी बढ़ना, पैरों पर फैट ज्यादा होना, थाई और बट का ज्यादा फैटी हो जाता है। लेकिन क्या आप फैटी बट के फायदे जानते हैं? नहीं जानते तो कोई बात नहीं चलिए आज हम बताते हैं।जानिए, अलग-अलग ‘बट’ साइज़ के होते हैं ये फायदे और नुकसान

आपने देखा होगा कि कई लोगों के बट बड़े होते हैं। उनकी सारी बॉडी फिट होती है लेकिन उनकी लॉअर बॉडी फैट होती है। एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जो बॉडी वेट के हिसाब से फिट होते हैं लेकिन उनके निंतब, जांघ और पांव में फैट ज्यादा होता है उनको स्ट्रोक, डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा कम होती है।

हाल ही में रिसर्च सेल रिसर्च जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों के बट और निचला हिस्सा फैटी नहीं होता है उनमें हार्ट की वजह बिमारियों से होने वाली मौत की आशंका बढ़ जाती है। लेकिन ये स्टडी उन लोगों पर लागू नहीं होती है, जिनका पूरा शरीर ही एक जैसा फैटी होता है। वहीं डॉक्टर्स की माने तो इसका कारण यह है कि फैटी लोगों के लंग्स और हार्ट के आसपास फैट अधिक मात्रा में जमा हो जाता है। फैट बढ़ने की वजह से उनमें हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।

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वहीं डायबिटीज एक्सपर्ट के अनुसार बट और थाई का फैटी होना फैट को खपाने के लिए सुरक्षित माना जाता है। उनका कहना है कि अगर किसी के बट और थाई पर फैट है तो वो पेट पर फैट होने से ज्यादा अच्छा है। स्टडी में ये भी बताया गया है कि पेट की चर्बी आपके ब्लड में फैटी एसिड ज्यादा मात्रा में छोड़ती है। इसके कारण डायबिटीज, इन्सुलिन प्रतिरोधक और कोलेस्ट्रोल का खतरा बढ़ जाता है।

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