जीवनशैली

जानिए मानसून में क्या खाएं और क्या न खाएं? हमरे पास है इसका जवाब

बारिश के मौसम में ज्यादातर बीमारियां हमारे अव्यवस्थित खान-पान के कारण होती हैं. सामान्य फ्लू, बुखार, बैक्टीरियल, वायरल और फंगस से युक्त भोजन हमें बीमार कर देता है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस मौसम में फैलने वाली बीमारियों से खुद को कैसे बचाया जाए. तो जवाब है अपने आहार में कुछ बदलाव करके.

जी हां, बारिश के मौसम में खुद को फिट रखना है या परिवार के लोगों की सेहत का ध्यान रखना है तो भोजन में दाल, सब्जियां, कम वसा वाली चीजें शामिल करें. प्रोटीन के अलावा बीटा कैरोटीन, बी काम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन सी, ई, सेलेनियम, जिंक, फॉलिक एसिड, आयरन, कापर, मैग्नीशियम, प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक आहार भी शरीर के लिए अच्छे होते हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि इस दौरान अपने खान-पान में कौन सी सावधानी बरत कर आप बीमार होने से बच सकते हैं.

सूप और गर्मागर्म चाय का तोड़ नहीं
बारिश के बाद शरीर को ठंडक से बचाने के लिए अदरक के कुछ लच्छों के साथ गर्मागर्म सूप का मजा ले सकते हैं. यह ठंड और फ्लू से न केवल दूर रखेगा बल्कि शरीर को थकान और टूटन से बचाने में मदद करेगा. यह सूप यह उन लोगों के लिए अच्छा आहार है जो बरसात के दिनों में परिश्रम नहीं कर पाते है जैसा कि अन्य दिनों में करते हैं. वहीं गले के संक्रमण में एक कटोरी सूप अच्छा आराम पहुंचाएगा और आपका पेट भी भर देगा. एक कप गर्म कड़क चाय या मसाला चाय का कोई जवाब नहीं है. यह बरसात के दिनों का उपयुक्त पेय है. वहीं लौंग और दालचीनी वाली मसाला चाय पीने से चाय गले के संक्रमण और जुकाम में राहत मिलती है.

घर में बने पकौड़े खाएं
बारिश के दौरान हर कोई पकौड़े खाना पसंद करता है. हल्की फुहारों के साथ एक कप गर्म चाय और एक प्लेट पकौड़े का मजा ही कुछ और है. प्याज पकौड़ा, पालक पकौड़ा, पनीर पकौड़ा, हरी मिर्च पकौड़ा आदि बनाए जा सकते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि बारिश के दौरान बाहर के पकौड़े न खाकर घर में बनाकर खाएंगे तो बीमारियों से बच सकते हैं. वहीं इस बात का भी ध्यान रखें कि पकौड़े एक प्लेट से ज्यादा न खाएं. आप इस मौसम में घर में चिप्स, समोसे, कचौड़ियों के साथ चाय का लुत्फ ले सकते हैं.

क्या खाना चाहिए
बारिश के दौरान प्याज और अदरक का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. भोजन में रेशेदार फलों को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है. नींबू में विटामिन सी मिलता है इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. वहीं पुदीना पाचन तंत्र को मजबूत करता है. इसलिए इसे खाने में शामिल करना चाहिए. इसकी चटनी या फिर सलाद में डाल सकते हैं. बारिश के मौसम में पीने के पानी का खास ध्यान देना चाहिए. कोशिश करें कि उबला हुआ पानी ठंडा कर पीएं. हरी सब्जियों के सेवन से बचें. क्योंकि इनमें फंगस और बैक्टीरिया सबसे ज्यादा पनपते हैं.

क्या नहीं खाना चाहिए
बारिश के मौसम में ज्यादा तेल मसाला और बाहर की चीजों को खाने बचेंगे तो बीमारियां पास नहीं आएंगी. साथ ही खट्टी चीजें, इमली, अचार आदि का सेवन कम कर दें. इनसे शरीर में पानी की मात्रा की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है.

कैसा होना चाहिए मानसून में खान-पान
उठने के बाद- ग्रीन टी या नींबू वालीचाय या दूध वाली चाय 1 कप व 1-2 बिस्कुट या रस्क.

ब्रेकफास्ट- 2 मिस्सी/साधारण रोटियां दही के साथ या 1 कटोरी दलिया या ओट्स या 1 भरवां पराठा दही के साथ.

11 बजे मिड मॉर्निंग- ताजा मौसमी फल या ताजा फ्रूट चाट या घर में बनाया ताजा मौसमी फलों का 1 गिलास जूस.

लंच- 2 रोटियां या उबले हुए चावल, सब्जी पकी हुई 200 ग्राम, पका हुआ हाई प्रोटीनयुक्त आहार 200 ग्राम (जैसे, न्यूट्री नगेट, सोयाबीन, राजमा, काले चने, टोफू चीज या घर का बना पनीर.)

दही- 200 ग्राम.

सलाद- 1 प्लेट (सलादपत्ता खाएं तो अच्छी तरह से धोकर).

शाम की चाय- चाय या 200 ग्राम गरम दूध या कोई भी पसंदीदा मिल्कशेक.

डिनर से पहले- 200 मिली. घर का बना सब्जियों का ताजा सूप, बिना मक्खन.

डिनर- 2 रोटियां, 200 ग्राम पीली मूंगदाल, हल्की सब्जी 175 ग्राम.

सोने से पहले- गर्मागर्म 200 ग्राम दूध.

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