जानें कैसी दिखती है अब वो जगह जहां कभी श्रीराम ने गुजारे थे वनवास के दिन
कुंड:
नासिक-पंचवटी में एक अरुणा नदी के किनारे इंद्रकुंड बना है। कहते हैं कि जब महर्षि गौतम के शाप के बार इंद्र ने इसमें स्नान किया था तो उनके शरीर के छिद्र दूर हो गए थे। इसके अलावा इसके करीब ही रामकुंड, मुक्तेश्वर का अंतिम कुंड, गोदावरी कुंड, अहल्या संगम तीर्थ और तपोवन है।कपालेश्वर:
यह भी नासिक पचंवटी का प्रसिद्ध स्थान है। इसको लेकर मान्यता है कि यहां शंकर जी के हाथ में चिपका कपाल यानी कि ब्रह्मा का सिर गोदावरी स्नान से दूर हो गया था।
काला राम मंदिर:
आज पंचवटी में ही गोदावरी से लगभग दो फर्लांग पर बस्ती में यह काला राम मंदिर बना है। यह मंदिर काफी विशाल है। यहां पर प्रभू श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता की मूर्तियां रखी हैं।
पंचवटी गुफा:
गोदावरी से थोड़ी दूर पर वट वृक्ष को पंचवटी के नाम से जाना जाता है। यहां पर वर्तमान में वट के 5 वृक्ष हैं और उन्हीं के पास एक मकान में गुफा बनी है। जहां अंदर जाने पर राम, लक्ष्मण, सीता की छोटी मूर्तियां मिलती हैं।
रामेश्वर
गोदावरी तट पर ही रामकुंड से आगे रामगया तीर्थ के पास रामेश्वर मंदिर है। यह विशाल मंदिर नारोशंकर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर बड़ी संख्या में रामभक्त आते है।
सुंदर-नारायण मंदिर:
पंचवटी के पास ही भगवान रामेश्वर मंदिर है। सुंदर नारायण के सामने गोदावरी में ब्रह्मतीर्थ है। मान्यता है कि यहां ब्रह्मा जी ने स्नान किया था।
उमा-महेश्वर:
सुंदर-नारायण से थोड़ी दूर पर उमा-महेश्वर मंदिर बना है। यहां पर भगवान शंकर की मूर्ति है। यहां पर शंकर जी की मूर्ति के बगल में दोनों ओर गंगा तथा पार्वती की मूर्तियां हैं।
नीलकंठेश्वर:
रामकुंड के सामने नासिक में नीलकंठेश्वर शिव मंदिर बना है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि कि महाराज जनक ने यहां यज्ञ करके इस मूर्ति की स्थापना की थी।
पंचरत्नेश्वर:
नीलकंठेश्वर के पीछे ही एक पंचरत्नेश्वर मंदिर बना है। यहां शिवलिंग के ऊपर पांच चांदी के मुख लगे रहते हैं।
गोराराम मंदिर:
पंचरत्नेश्वर मंदिर के पास ही गोराराम मंदिर बना है। इस मंदिर में श्रीराम, लक्ष्मण, और जानकी जी की मूर्तियां हैं। यह सभी मूर्तियां संगमरमर की है।