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जानें तेजस्वी पर क्या हैं आरोप और क्या दी उन्होंने सफाई

लालू और उनके परिवार पर लगे आरोपों और सीबीआई और ईडी के छापों के बीच बुधवार को लालू के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पहली बार मीडिया के सामने आए और जमकर पलटवार किया. सभी आरोपों को झूठा करार देते हुए तेजस्वी यादव ने इसे पीएम मोदी और अमित शाह की साजिश करार दिया. तेजस्वी ने कहा कि 28 साल के एक युवा से डर गई है बीजेपी इसलिए फंसाने की साजिश हो रही है. तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की और बीजेपी को करारा जवाब देंगे.

जानते हैं तेजस्वी यादव किन आरोपों में घिरे हैं और क्या सफाई दी उन्होंने-

रेलवे टेंडर से संबंधित आरोप-

सीबीआई के 27 अधिकारियों की टीम ने पिछले हफ्ते लालू यादव के 12 ठिकानों पर छापेमारी की और राबड़ी देवी तथा उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से घंटों पूछताछ की. सूत्रों के अनुसार तेजस्वी से पटना मॉल में हिस्सेदारी से संबंधित सवाल पूछे गए. सीबीआई के अडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने बताया कि लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे को दो होटलों के रखरखाव के लिए एक प्राइवेट कंपनी को टेंडर दिया गया और इसके एवज में लालू को तीन एकड़ जमीन दी गई. ये टेंडर साल 2004 से 2009 के बीच इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन (IRCTC) के जरिए दिए गए थे, जब लालू रेल मंत्री थे. अस्थाना ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच रची गई इस कथित साजिश के लिए लालू और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट, 1988 के तहत केस दर्ज किया गया है.

तेजस्वी की सफाई-

तेजस्वी यादव ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 2004 में मैं 13-14 साल का था. इस उम्र में घोटाला कैसे कर सकता हूं. तब में मूंछे तक नहीं उगी थी.

फ्री गिफ्ट को लेकर आरोप-

लालू परिवार पर पिछले कुछ वर्षों में करोड़ो के फ्री गिफ्ट की बरसात भी जांच के दायरे में है. इसमें भी तेजस्वी के नाम पर कई संपत्तियों की लेन-देन हुई इनकी जांच चल रही है.

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने पिछले दो महीने में लालू परिवार पर कई आरोप लगाए हैं. सुशील मोदी के अनुसार- उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एवं स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप की स्वयं एवं उनके परिवार की एक हजार करोड़ से ज्यादा की बेनामी सम्पत्तियां हैं. पटना लालू परिवार का जहां मॉल बन रहा है वो जमीन पार्टी नेता प्रेमचंद गुप्ता ने लालू के बेटों के नाम की है. प्रेम गुप्ता की कंपनी इस मॉल की जमीन की मालिक थी और बाद में उसने इसे लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया. इसके अलावा तेजस्वी और तेजप्रताप को चाचा और नाना से भी करोड़ों के उपहार मिले. जो जांच के दायरे में हैं. लालू की बेटी हेमा यादव और पत्नी राबड़ी देवी को उनके नौकर ललन चौधरी ने 2014 में करीब एक करोड़ रुपये की जमीन दान में दी थी. ललन के नाम से बीपीएल कार्ड भी बना हुआ है. ये भी जांच के दायरे में है.

तेजस्वी ने क्या दी सफाई-

पहले दिन से ही हमारी नीति करप्शन के मामले में जीरो टॉलरेंस की रही है. ये जो FIR हुआ है ये राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अमित शाह और मोदी जी के शह में हुआ है, ये लोग लालू जी से तो डरते थे, लेकिन 28 साल के नौजवान से भी डरने लगे.

लालू की बेटी-दामाद भी घेरे में

लालू की बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश भी ईडी की जांच के घेरे में हैं. ईडी की टीमों ने मीसा-शैलेश के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. 8000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ये पूछताछ हुई थी. ये मामला फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये ब्लैक से व्हाइट कराने का है. मंगलवार को दिल्ली में ईडी ने मीसा भारती से 8 घंटे तक पूछताछ की और बुधवार को शैलेश को समन किया गया है. लालू परिवार इन सब जांचों के लिए मोदी सरकार पर सियासी बदले का आरोप लगा रहा है.

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