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जान‌िए ‘शह-मात’ के खेल में शिवपाल को कितना हुआ नुकसान

shivpal-yadav_1464966921मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव के बीच अधिकारों की लड़ाई समझौते के फार्मूले पर जरूर ठंडी पड़ गई, पर इस लड़ाई में दोनों को ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। शिवपाल के लिए पीडब्ल्यूडी जैसा बड़ा महकमा जाना घाटे का सौदा माना जा रहा है। 
पूर्व के महकमों से शिवपाल के पास चालू वित्त वर्ष 2016-17 में करीब 66,480 करोड़ का बजट आता। पीडब्ल्यूडी जाने के बाद यह आधे से भी कम 26,019 करोड़ रह गया है। पीडब्ल्यूडी का बजट 40460.81 करोड़ रुपये है। 

एक के बदले तीन नए महकमे देकर पुराने बजट की भरपाई की कोशिश जरूर की गई है, लेकिन उससे जुड़ने वाले 33,500 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा नॉन प्लान (वेतन, भत्ते जैसे खर्च) व छात्रवृत्ति जैसे मदों में जाएगा। इसमें मंत्री अपने विवेक से खर्च नहीं कर पाएंगे। 

दरअसल, सरकार में लोक निर्माण महकमे को बहुत अहम माना जाता है। भारी भरकम बजट वाले इस विभाग में काम से न सिर्फ मंत्री का बड़ा नाम होता है, बल्कि वह नेताओं, कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों को भी उपकृत कर सकता है।

 

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