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जिंदा है ईमानदारी, यात्री ने लौटाया रेलवे कर्मचारियों की सैलरी से भरा बैग

bag_full_of_money_bilaspur_20161028_105838_28_10_2016बिलासपुर, नईदुनिया न्यूज। रेलवे वाटरिंग कर्मचारियों को वेतन देने आ रहे कंपनी के मैनेजर का साढ़े चार लाख रुपए से भरा बैग गायब हो गया। हेल्पलाइन नंबर 182 में शिकायत के बाद हड़कंप मच गया। हालांकि बाद में पता चला कि बैग भूल से किसी यात्री ने उतार लिया है। बैग में मिले नंबर के आधार पर यात्री ने मैनेजर को राशि लौटा दी।

मामला हावड़ा- मुंबई ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस का है। कोलकाता लोहियासराय निवासी मोहम्मद शमशेर आलम यूरेका फोर्ब्स कंपनी का मैनेजर है। जोनल स्टेशन में ट्रेनों में पानी भरने का ठेका इसी कंपनी को मिला है। दीपावली पर वाटरिंग स्टॉफ को वेतन का भुगतान करने के लिए साढ़े चार लाख रुपए लेकर मैनेजर कोलकाता से बिलासपुर आ रहा था। रिजर्वेश बी-1 की बर्थ संख्या 5 में था। उन्होंने रकम एक बैग में रखी थी।

टाटानगर में नोटों से भरा बैग गायब हो गया। इसकी सूचना यात्री को राउरकेला में मिली। उन्होंने इसकी शिकायत टीटीई और 182 हेल्पलाइन नंबर पर की। शिकायत के बाद आरपीएफ अलर्ट हो गई। ट्रेन के बिलासपुर पहुंचने पर आरपीएफ ने उनसे पूछताछ की। हालांकि इससे पहले यात्री के पास उस यात्री का कॉल आ गया था।

जिसने टाटानगर में बैग उतारा था। उसने बताया कि वह भूलवश अपना बैग छोड़कर नोटों से भरा बैग उठा ले आया है। उसने अपना परिचय अभिजीत के रूप में दिया। साथ बैग को वापस देने के लिए टाटा बुलाया। करीब आधे घंटे बाद सुबह 9.30 बजे मुंबई- हावड़ा दूरंतो एक्सप्रेस बिलासपुर पहुंची। इसी ट्रेन से मैनेजर को टाटानगर भेजा गया।

हड़ताल की चेतावनी से सकते में आई कंपनी

वाटरिंग स्टॉफ को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। इसे लेकर स्टॉफ के बीच नाराजगी थी। उन्होंने साफ चेतावनी दे दी थी कि यदि दीपावली पर्व के पहले उनका भुगतान नहीं हुआ तो काम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे। इस चेतावनी के बाद कंपनी के मैनेजर भुगतान करने आ रहे थे।

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