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जेटली: दोहरा नियंत्रण मुद्दे के समाधान में ज्यादा वक्त नही है

84473-arun-jaitleyकेंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से संबंधित प्रावधानों तथा ड्यूअल कंट्रोल (दोहरा नियंत्रण) मुद्दे के समाधान की दिशा में ‘उल्लेखनीय प्रगति’ की है और समस्या सुलझने में ज्यादा वक्त नहीं है। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटिज मार्केट्स (एनआईएसएम) का उद्घाटन करते हुए जेटली ने कहा, “जीएसटी को लागू करने के लिए काउंसिल ने कई बैठकें की हैं, जिनमें मुद्दों को सुलझाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति भी हुई।

अरुण जेटली बोले, जीएसटी को लागू करने के लिए काउंसिल ने कई बैठकें की हैं

उन्होंने कहा, “समय के जिस दबाव के तहत हम काम कर रहे हैं, केवल एक जटिल मुद्दे का समाधान होना बाकी है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसे सुलझाने के लिए सब खड़े होंगे और इसका समाधान होने में ज्यादा समय नहीं बचा है।”

काउंसिल के समक्ष दो मुख्य मुद्दे इंटिग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) तथा दोहरा नियंत्रण बचा हुआ है।

केंद्र तथा राज्यों के आकलन अधिकारियों के बीच अधिकारों के विभाजन पर सहमति नहीं बन पाई है। दोनों मुद्दे 3-4 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में उठाए जाएंगे।

सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) तथा मुआवजा नियम मसौदे को लगभग मंजूरी मिल चुकी है, बस केवल दोहरा नियंत्रण से संबंधित कुछ हिस्से पर आम राय बनाना बाकी है

जेटली ने कहा, “सीजीएसटी तथा ईजीएसटी कानून के प्रारंभिक मसौदे को मंजूरी मिल चुकी है। ये दोनों कानून एक दूसरे के प्रतिबिंब होंगे।”

सीजीएसटी तथा मुआवजा कानून की कानूनी रूप से पुनरीक्षित प्रतिलिपि को काउंसिल की अगली बैठक के दौरान रखा जाएगा।

संसद में पेश करने से पहले तीनों जीएसटी विधेयक-सीजीएसटी, इंटिग्रेटेड जीएसटी तथा राज्य मुआवजा कानून को काउंसिल की मंजूरी की जरूरत है।

नोटबंदी पर जेटली ने शनिवार को कहा कि इससे बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ी है और लोगों की नकदी बचत को औपचारिक रूप दिया जा चुका है।

 

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