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जेबकतरों का आतंक, पुलिस निष्क्रिय

2014_4largeimg123_apr_2014_074246917galleryबाराबंकी : शहर में लगने वाली विभिन्न बाजारों में पाकेटमारों का गिरोह सक्रिय है| आए दिन किसी-ना-किसी की गाढ़ी कमाई पर गिरोह हाथ साफ कर मौके से नदारत हो जाता है और पीड़ित हैरान परेशान पुलिस प्रशासन को कोस कर रह जाता है| सोमवार सुबह करीब आठ बजे एक दैनिक अखबार के जिला संवाददाता  संजय वर्मा “पंकज” की जेब से भी पर्स निकल गया| जिसमें करीब पांच हजार रुपए, तीन बैंको के एटीए कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व पैन कार्ड होने की बात तहरीर में लिखकर कोतवाली नगर पुलिस को जिला संवाददाता संजय ने दी है| सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार दो-तीन दिन पूर्व इसी घंटाघर पर सुबह लगने वाली सब्जी बाजार से सब्जी खरीदने आए एक व्यक्ति की जेब से 12हजार रुपए इन्ही जेबकतरों ने पार कर दिए थे| वहीं पल्हरी चौराहे पर कैलाश ट्रैक्टर नाम से स्पेयर पार्टस की दुकान कर रहे व्यवसाई विनोद कुमार वर्मा “गुड्डू” की शर्ट की जेब से भी हजारों रुपए निकल गए थे|  बाजार में मौजूद सब्जी व्यवसाईयों ने बताया कि आए दिन किसी ना किसी की जेबों पर गिरोह हाथ साफ कर रहा है, लेकिन पकड़ में नहीं आया| पाकेटमारी की सूचना कोतवाली प्रभारी को देने पर सिपाही जावेद अख्तर जांच के लिए मौके पर पहुंचे| कई दुकानदारों व संदिग्धों की जामा तालाशी भी ली, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा| लोगों की मानें तो पुलिस पाकेटमारी व छिनैती की प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी करती है, जिससे लोग घटना होने के बाद बजाए मामले को दर्ज करवाने के मात्र व्यवस्था कोकोस कर रह जाते है| जिससे पुलिस रिकार्ड में अधिकाधिक होने वाली ये घटनाएं नहीं आती और इस पेशें में संलग्न अपराधियों का हौसला हर बड़े माल पर हाथ साफ कर और बुलंद हो जाता है| फिर चाहे शुक्रवार को लगने वाली सट्टी बाजार हो या घंटाघर पर रोज सुबह लगने वाली सब्जी बाजार या फिर शाम को रेलवे स्टेशन मार्ग पर लगने वाली बाजार, आमजन की मेहनत की कमाई इस गिरोह के चलते असुरक्षित है| यानी पुलिस महकमें की पगार निरंतर और अराजकतत्वों की वारदात भी निरंकुश निरंतर|

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