ज्ञान भंडार

जेलों में बंद कैदी अब फैक्ट्रियों में करेंगे काम

arrest-shimla-567cc812077df_exlstहिमाचल की जेलों में बंद पढ़े-लिखे और प्रशिक्षित कैदी अब जल्द बीबीएन के उद्योगों में आम लोगों की तरह काम करते और करवाते नजर आएंगे। योग्यता के अनुसार उन्हें लेबर से लेकर सुपरवाइजर तक का काम मिल सकता है। भले ही कैदी कितने भी संगीन आरोप की सजा क्यों न काट रहे हों, बस जेल में आचरण अच्छा होना चाहिए।

कैदियों को मानसिक और आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए डीजीपी जेल सोमेश गोयल ने एक प्लान तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजा है। गोयल के मुताबिक बीबीएन में बड़ी जेल बनाई जानी चाहिए। अच्छे आचरण वाले कैदियों को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत उद्योगों के अनुरूप ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

इससे सरकार को भी लाभ होगा और उद्योगों को भी मांग के अनुसार लेबर और अच्छे कामगार मिल जाएंगे। गोयल के मुताबिक बीबीएन में जेल बनाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है चूंकि समूचे बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ क्षेत्र में कोई जेल नहीं है। एक महीने में करीब 300 कैदियों को सोलन सब जेल में पेश करने के लिए 500 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की दो सेंट्रल जेल नाहन और कंडा के अलावा अन्य जिला सब जेलों में वर्तमान में 2100 कैदी सजा काट रहे हैं। प्रदेश की जेलों की कुल क्षमता से अधिक कैदी हैं। इसी को देखते हुए जेल प्रशासन ने बद्दी में नई जेल खोलने का प्रपोजल सरकार को भेजा है।

आदर्श केंद्रीय कारागार नाहन में सब्जी उत्पादन, बेकरी, दूध उत्पादन, कुटीर उद्योग जैसे काम बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। अच्छे आचरण वाले कैदी पूरे शहर में सब्जी के वाहन लेकर फेरी लगाते हैं। जल्द ही नाहन जेल के कैदियों के तैयार उत्पाद उनकी अपने स्टालों में नाहन शहर में उपलब्ध होंगे।

Related Articles

Back to top button