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ज्योतिषियों ने की भविष्यवाणी, साल 2019 के शुरुआत में आ सकती है बड़ी तबाही

2019 प्राकृतिक आपदाओं से भरा हो सकता है। वैश्विक स्तर पर उत्तरी गोलार्ध में बड़े भूकंप आने की आशंका है। ज्वालामुखी सक्रिय हो सकते हैं। समुद्र से उठने वाले चक्रवात भीषण हो सकते है। शीतलहर से मैदानी इलाके सिहर सकते हैं। कुल मिलाकर, नया साल आकस्मिक आपदाओं की चुनौतियों से हो सकता है। पंडित अरुणेश कुमार शर्मा के मुताबिक, नए साल शुभ संकेत लेकर नहीं आ रहा है।

देशभर में नए साल के शुरुआत की धूम मची हुई है। हर तरफ नए साल के स्वागत की तैयारियां जोरो-शोरों से हैं। हर तरफ खुशियां मनाई जा रही हैं, लेकिन ज्योतिषियों की भविष्यवाणी आपको हैरान कर सकती है। ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की है कि साल 2019 की शुरुआत शुभ नहीं है।  साल की शुरुआत त्रासदियां लेकर आ सकती है।

5 और 6 जनवरी को खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा। हालांकि यह भारत में मान्य नहीं होगा। ये पूर्वी एशिया के देश चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, उत्तरी कोरिया, उत्तर-पूर्वी रूस, मध्यवर्ती मंगोलिया, प्रशांत महासागर और अलास्का के पश्चिमी भाग रहेंगे। इसके प्रभाव से सघन सर्दी, चक्रवात, भूगर्भीय हलचल, ग्लेशियर्स पर असर और ज्वालामुखी सक्रिय होने की आशंका है। वहीं 21 जनवरी को कर्क राशि और पुष्य नक्षत्र में खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह भी सूर्यग्रहण की भांति भारत में दिखाई नहीं देगा। यह अफ्रीका, दक्षिणी-उत्तरी अमेरिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश कुमार शर्मा का कहना है कि सौरमंडल के ग्रहों एवं अन्य परिवर्तनों का गहरा प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है। सामान्य दिनों में भी पूर्णिमा और अमावस्या के दौरान समुद्र में ज्वार-भाटा निर्मित होते हैं। एशिया के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भारत और चीन भी आते हैं। कर्क रेखा क्षेत्र में पाकिस्तान से लेकर अफ्रीका महाद्वीप के उत्तरी सीमांत देश, यूरोप के दक्षिणी सीमांत क्षेत्र और उत्तर-दक्षिण अमेरिका के संधि क्षेत्र आते हैं। इन भूभागों में इन प्राकृतिक घटनाओं की आशंका सर्वाधिक है।

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