दस्तक टाइम्स/एजेंसी: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में तेज गेंदबाजों के आगे नतमस्तक हो चुकी टीम इंडिया की ओर से अब टेस्ट सीरीज में स्पिन विकेट की मांग उठ रही है। खबर यह भी आई कि अंतिम वनडे में सपाट विकेट से रवि शास्त्री इतने नाराज हुए कि उनकी पिच क्यूरेटर से तीखी बहस हो गई। कई पूर्व क्रिकेटरों का भी कहना है कि टीम इंडिया को होम एडवांटेज मिलना ही चाहिए, क्योंकि ऐसा सभी देश करते हैं। पर सवाल यह है कि क्या हमारे बल्लेबाज स्पिन खेलने के लिए तैयार हैं? यदि हाल के कुछ वर्षों के रिकॉर्ड पर नजर डालेंगे, तो आपको जवाब अपने आप मिल जाएगा।
उलझ चुके हैं अपने ही जाल में
साल 2012 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम का भारत दौरा तो सबको याद ही होगा। हमने इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए स्पिन का जाल बिछाया था, क्योंकि हम टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे में स्विंग गेंदबाजी के सामने मिली हार का बदला लेने के लिए बेताब थे। पर हुआ उल्टा। हमारे बल्लेबाज इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाजों मोंटी पनेसर और ग्रीम स्वान की फिरकी के सामने नाचते नजर आए और इंग्लैंड टीम 25 साल बाद भारत में सीरीज जीतने में कामयाब रही। उस दौरे में स्वॉन और पनेसर ने मिलकर 37 विकेट चटकाए थे। पनेसर ने 3 टेस्ट में 17 विकेट लिए थे, जबकि दौरे के पहले मैच में उन्हें शामिल नहीं किया गया था। इस दौरे से पहले तक पनेसर को कोई खास सफलता नहीं मिली थी, लेकिन हमारे बल्लेबाज उनके सामने नहीं चले। इससे आप समझ सकते हैं कि हमारे बल्लेबाजों की तकनीक टर्निंग ट्रैक पर खेलने के लिए कितनी अच्छी है।
शिलिंगफोर्ड और मोइन अली ने भी किया परेशान
साल 2013 में वेस्टइंडीज के भारत दौरे पर ऑफ स्पिनर शेन शिलिंगफोर्ड ने दो टेस्ट में 11 विकेट झटके थे। साल 2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर मोईन अली जैसे पार्ट टाइम स्पिनर ने भी भारतीय बल्लेबाजों को खूब छकाया और पांच टेस्ट में 19 विकेट झटक लिए।
इमरान ताहिर हैं क्लास गेंदबाज
सचिन तेंदुलकर ने सीरीज की शुरुआत में ही टीम इंडिया को सतर्क कर दिया है कि वे इमरान ताहिर से सावधान रहें, क्योंकि वे खतरनाक साबित हो सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका के इमरान ताहिर आईसीसी वनडे रैंकिंग में एक समय वर्ल्ड के नंबर वन गेंदबाज रहे हैं। वर्तमान में वे वनडे रैंकिंग में 5वें नंबर पर हैं। उन्होंने सभी इंटरनेशनल टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि इंडिया के खिलाफ उनका रिकॉर्ड ज्यादा बेहतर नहीं है, लेकिन टर्निंग ट्रैक पर खतरनाक हो सकते हैं। साल 2012 में हमने ग्रीम स्वान और पनेसर के बारे में भी यही सोचा था कि वे हमारे खिलाफ अच्छा नहीं कर पाते, लेकिन हम झटका खा गए। ताहिर 49 वनडे में 84 विकेट ले चुके हैं, जबकि 16 टेस्ट मैचों में उन्होंने 43 विकेट लिए हैं। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने हाल ही की वनडे और टी-20 सीरीज में भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है। ताहिर ने वनडे सीरीज में 7 विकेट लिए हैं, जबकि टी-20 में दो मैचों में 2 विकेट लिए।
राहत बस इतनी कि ताहिर ऑफ स्पिनर नहीं हैं
टीम इंडिया के लिए बस इतनी ही राहत की खबर है कि इमरान ताहिर लेग स्पिनर हैं। वास्तव में भारतीय बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा ऑफ स्पिनर ने परेशान किया है। सचिन तेंदुलकर जैसा महान बल्लेबाज भी इससे अछूता नहीं रहा। उन्हें सकलेन मुश्ताक खासा परेशान करते थे। ग्रीम स्वान, मोंटी पनेसर, नैथन लियान, मोइन अली ये सभी ऑफ स्पिन बॉलिंग करते हैं। यानी हमें ऑफ स्पिनर को खेलने में दिक्कत होती है।
स्पिन विशेषज्ञ बल्लेबाज की कमी
टीम इंडिया में कहने को तो कई दिग्गज बल्लेबाज हैं, लेकिन विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और कुछ हद तक मुरली विजय के अलावा किसी अन्य बल्लेबाज की तकनीक टर्निंग विकेट के हिसाब सही नहीं है। राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, सहवाग और सचिन के जमाने में ही हम स्पिनर्स पर हावी थे। सचिन तो ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न की जमकर धुनाई करते थे, लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं है। अब तेज गेंदबाजों के साथ-साथ स्पिनर्स भी हमें आंख दिखाने लगे हैं। इसलिए सावधान इंडिया…कहीं दांव उल्टा न पड़ जाए…