अपराध

डबल मर्डर केस में 21 आरोपियों को उम्रकैद

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
dabalधार. बहुचर्चित कुम्हार गड्ढा डबल मर्डर केस में बुधवार को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नीना आशापुरे ने 21 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने मृत्यु पूर्व बयान को विश्वसनीय साक्ष्य माना और फैसला सुनाया।
25 साल में इंदौर संभाग व संभवत: प्रदेश में पहली बार एक साथ 21 आरोपियों को उम्रकैद सुनाई गई है। करीब 10 साल पहले तिरला क्षेत्र में हुए एक हत्याकांड के 10 से 12 आरोपियों को उम्रकैद हुई थी।शासकीय अभिभाषक सुरेशचंद्र जलोदिया के मुताबिक मामला अक्टूबर 2011 का है। कोर्ट ने आरोपी मुन्नालाल, मनीराम, लालजी, भागीरथ, गंगाराम, संजेश, मंजेश, संदीप, मनीष, रवि, लखन, राजू, शोभालाल, कालिया, राजू, आकाश, धर्मेंद्र, जितेंद्र, हेमंत, रामा और कन्नू यादव को सजा सुनाई है। इनमें से छह आरोपियों को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जो तभी से जेल में हैं। अन्य 15 आरोपी जमानत पर थे।एक आरोपी को पैरालिसिस, सहारे से पहुंचा कोर्ट तक : आरोपियों में शामिल मुन्नालाल को पैरालिसिस हो चुका है। उसके शरीर के एक हिस्से ने काम करना बंद कर दिया है। वह सहारे से ही चल पाता है। पेशी के दौरान भी सह आरोपियों के कंधे के सहारे न्यायालय में लाया गया।मृतक की पत्नी को समाज से बेदखल करने का गर्माया था मामला : घटना के बाद कुम्हार गड्ढा क्षेत्र में रहने वाले दोनों पक्षों के लोगों के बीच कई बार विवाद हो चुका है। छह महीने पूर्व एक मृतक की पत्नी को समाज से बेदखल करने का मामला गर्माया था। महिला ने आरोप लगाया था कि मामले में आरोपी पक्ष से समझौता नहीं करने के चलते समाज के लोगों ने समाज के किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाने का फरमान जारी कर दिया है। शिकायत के बाद पुलिस कंट्रोल रूम में सीएसपी ने बेदखल करने के आरोपी समाजजनों को तलब किया था। यहां उन्होंने लिखित बयान दिए कि हमने महिला को समाज से बेदखल नहीं किया है।श्रद्धांजलि के चलते तय समय से पहले फैसलापेशी का समय शाम का रखा गया था, लेकिन एक सेवानिवृत्त जज के निधन पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम होना था। इसके चलते जज ने नियत समय से करीब दो घंटे पहले फैसला सुनाया।

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