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तीन दिन से कोयला खदान में गिरा पड़ा है अंकित, मौजूद है ग्रामीणों की भीड़

jhariya100_1444027120रांची/झरिया। झारखंड के धनबाद जिला स्थित झरिया के कोयरीबांध के समीप खदान के बंद चानक (एक कुआंनुमा गहरा गड्‌डा, जो कोयला खदान में उतरे लोगों को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए बनाया जाता है।) में गिरे छात्र अंकित कुमार उर्फ सोनू को सोमवार सुबह तक नहीं निकाला जा सका।बताते चलें शनिवार की दोपहर अंकित इस बंद चानक में गिरा था।
 
अब ग्रामीण खुद छात्र को बचाने में जुट गए हैं। इसके लिए गांव के कुछ युवा सेफ्टी बेल्ट का इंतजाम कर चानक में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, मौके पर पहुंची अंचलाधिकारी ने ग्रामीणों को ऐसा नहीं करने की बात कही है। ग्रामीणों को चानक की गहराई का कुछ पता नहीं है। ऐसे में किसी के साथ कुछ हादसा भी हो सकता है। मौके पर क्रेन मंगवाया जा रहा है। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो सकेगा। 
बताते चलें कि रविवार को पूरे दिन छात्र को चानक से निकालने के लिए प्रयोग होते रहे। इस दौरान दो क्रेन भी मंगाए गए। मुनीडीह से गोताखोर पहुंचे। माइंस रेस्क्यू बस्ताकोला टीम पहुंची। सेफ्टी लैंप से गैस की जांच की। चानक में जहरीली गैस नहीं होने की बात भी कही गई। बावजूद इसके बच्चे को निकाला नहीं जा सका।
 
मां-बहन का रो-रोकर हो रहा बुरा हाल
 
परिजनों का भी धैर्य जवाब दे रहा है। झरिया विधायक संजीव सिंह, पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, एसडीएम महेश संथालिया, महाप्रबंधक जेके वोरा, बीडीओ जीतेंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारियों का दल जमा रहा। शाम करीब छह बजे ऑपरेशन बंद कर दिया गया। कहा गया कि सोमवार की सुबह पुन: रेस्क्यू चालू होगी। सोनू के पिता राजेश साव घटनास्थल पर बैठे रहे। झरिया विधायक सहित अधिकारियों से हाथ जोड़कर विनती करते रहे। बच्चे को सुरक्षित निकालने की बात बार-बार कह रहे थे। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोयरीबांध स्थित आवास पर कोहराम मचा हुआ है। अन्य रिश्तेदार भी पहुंच गए है। घटना के बाद से घर में चूल्हा भी नहीं जला। मां पूजा देवी और बहन संध्या की स्थिति खराब होती जा रही है।
 
और इस तरह समय को किया गया बर्बाद
रेस्क्यू ऑपरेशन के नाम पर पूरे दिन उक्त खदान में रस्सी के माध्यम से झग्गर लगाकर तलाश की गई। रुक-रुक कर यह बात सामने आती रही कि खदान में सांपों की संख्या अधिक है। कभी तराजू को डाला गया तो कभी गैस की जांच की गई। कुल मिलाकर पूरे दिन समय बेकार चला गया।

 

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