…तो इसलिए लगा IPS रुपा पर 20 करोङ मानहानि का मुकद्दमा
IPS रुपा
आज के टाइम में जो जितना सच्चाई का साथ देता है उसके साथ उतना बुरा होता है। क्योंकि हम लोगो को चुप रहने की बुरी आदत पङ चुकी है । और कही न कही इन सब चीजों के लिए हम और हमारी कानून व्यवस्था जिम्मेदार है। अभी कुछ वक्त पहले तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और जयललिता की दोस्त शशिकला को आय से अधिक संपत्ति रखने के जुर्म में 4 साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन हमारे यहां नेताओं की जेल की सजा भी किसी वीकेंड से कम नही होती। जहाँ सरकारी अधिकारी नेताओं की खिदमत करने लग जाते है। और शशिकला को वीआई ट्रीटमेंट न मिले ऐसा हो ही नही सकता था।
शशिकला को जेल में फुल वीआई ट्रीटमेंट दिया गया। इतना अच्छा खाना तो शायद आम परिवार के लोगों को शायद साल एक बार भी नसीब न हो । जो शशिकला को जेल में दिया जा रहा था। खबरों की माने तो शशिकला के इस वीआईपी ट्रीटमेंट का खुलासा उस वक्त हुआ जब IPS रुपा ने अपने सीनियर अधिकारी की शिकायत की। और इस मामले का खुलासा किया कि उनके सीनियर अधिकारी पूर्व डीजी एच एन सत्यनारायण ने शशिकला से दो करोङ की रिश्वत ली। उन्हें जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट देने के लिए।
शशिकला की गिरफ्तारी पूर्व डीजी एच एन सत्यनारायण के कार्यालय में ही हुई थी। IPS रुपा ने शशिकला के वीआईपी ट्रीटमेंट की शिकायत की। जिसके बाद IPS रुपा की तारीफ करने की बजाय उनका ट्रांसफर ट्राफिक पुलिस विभाग कर दिया गया।
और अब तो IPS रुपा पर पूर्व डीजी एचएन सत्यनारायण ने आईपीएस ऑफिसर रुपा पर 20 करोङ का मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही डीजी एचएन सत्यनारायण ने दो न्यूज चैनल के खिलाफ भी मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है। क्योंकि डीजी एच एन सत्यनारायण का कहना है कि उन्होंने किसी से कोई रिश्वत नही ली। उन्हें बदनाम किया जा रहा जा रहा है। आपको बता दें डीजी एचएन ने अगस्त में अपना कार्यकाल पूरा कर रिटायरमेंट ले ली था। हो सकता है कि डीजी सत्यनारायण ने रिश्वत ने ली हो। लेकिन फिर किस के कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री शशिकला को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। क्या सत्यनारायण को इसकी जांच नही करवानी चाहिए थी।
एक आईपीएस ऑफिसर का विभाग बदलकर उसकी क्षमता से निचले विभाग में भेज देना और उस पर 20 करोङ का मानहानि मुकदमा किस बात की ओर इशारा करता है ।अक्सर ऐसे कई सवाल फाइलों में दब कर रह जाते है। आपको बता दें शशिकला के जेल जाने के बाद उनकी संपत्ति पर आईटी का छापा भी पङा था। जिसमें शशिकला की 1430 करोङ की अगोषित आय का पता चला। इतना पैसा शशिकला जैसे नेताओं अपने पास दबाए हुए और सरकार आम लोगों की जेब से इसका हरजाना भर्ती है।
अगर राजनीतिक पार्टियों के नेता इस तरह की अघोषित आय रखना बंद दे तो देश में गरीबी खत्म हो जाए। अभी हाल ही में वल्ड हेल्थ इंडेक्स की रिपोर्ट में भारत को 100वें नंबर पर रखा गया। ये इस बात का सबूत है कि देश के कुछ अमीर लोगों के कारण देश की आधे से ज्यादा भूखमरी का शिकार हो रही है। और हमारा सिस्टम इन नेताओं को सजा सुनाने के बाद भी इन्हें जेल में वीआईपी ट्रिटमेंट देता है।