
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही 200 रुपए का नया नोट जारी करने जा रहा है। खबरों की मानें तो संभवत: इसे अगस्त के आखिर में या फिर सितंबर की शुरुआत में जारी किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानतें है कि आखिर क्या वजह है जो आरबीआई को बाजार में 200 रुपए का नया नोट जारी करने का फैसला लेना पड़ा।
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मौजूदा समय में बाजार में बड़े नोटों में 100 और 2000 के बीच सिर्फ 500 का नोट ही मौजूद है। साथ ही 500 और 2000 रुपए के नए नोटों ने बाजार में फुटकर की बड़ी समस्या पैदा कर दी है। कोई भी आसानी से 2000 या 500 का नोट तोड़ने को तैयार नहीं होता है। ऐसे में अगर 200 रुपए का नोट बाजार में आता तो वह जाहिर तौर पर 100 एवं 500 रुपए के नोट के बीच एक गैप को खत्म करेगा, जो कि लोगों और छोटे व्यापारियों के लेन-देन को और आसान बना देगा।
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आपको बता दें कि बीते बुधवार को वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर आरबीआई को मंजूरी दे दी है कि 200 का नोट जारी करे। इस नए नोट को जारी करने को लेकर आरबीआई बोर्ड ने मार्च महीने में ही फैसला ले लिया था।
कौन और क्यों लेता है नए नोट को जारी करने का फैसला:
किसी भी देश में नए नोट को जारी करने का फैसला वहां के केंद्रीय बैंक की ओर से लिया जाता है। यह फैसला महंगाई, इकोनॉमिक ग्रोथ, बैंक नोट की बदली, रिजर्व बैंक के स्टॉक की जरूरतें और जालसाजी से निपटने के प्रयासों को गौर में रखते हुए लिया जाता है। लेकिन आम आदमी के लिए लेन-देन में सहूलियत के मुद्दे पर नए नोट जारी करने के लिहाज से प्रमुखता से गौर किया जाता है। आपको बता दें कि अगर 200 रुपए का नोट जारी किया जाता है तो बाजार में 1, 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपए के नोट उपलब्ध होंगे।