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थोक महंगाई दर में नवंबर में हुआ इजाफा, अब भी शून्य से 1.99 प्रतिशत नीचे

inflation-650_650x400_71444812837नई दिल्‍ली: दाल और प्याज जैसे खाद्यों के दाम बढ़ने से थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नंबर में बढ़कर शून्य से 1.99 प्रतिशत पर आ गई। इससे पिछले महीने थोक मुद्रास्‍फीति शून्य से नीचे 3.81 प्रतिशत थी।

लगातार 13वें माह शून्‍य से नीचे
यह लगातार 13वां महीना है जबकि थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे रही। पिछले साल नवंबर से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति शून्य से नीचे चल रही है। इसमें पिछले तीन महीने से बढ़ोतरी हो रही है। आज जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक पिछले साल नवंबर में मुद्रास्फीति शून्य से 0.17 प्रतिशत नीचे थी। खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 5.20 प्रतिशत हो गई जो अक्‍टूबर में 2.44 प्रतिशत थी।

दालों के वर्ग में सबसे अधिक मुद्रास्‍फीति
नवंबर माह में दालों के वर्ग में मुद्रास्फीति 58.17 प्रतिशत थी जबकि प्याज के थोक भाव सालाना आधार पर 52.69 प्रतिशत उंचे थे। सब्जियां का कीमत स्तर गत वर्ष नवंबर से 14.08 प्रतिशत ऊंचा था। इस बार नवंबर में आलू के भाव साल भर पहले से 53.72 प्रतिशत नीचे रहे। जबकि अंडा, मांस एवं मछली की कीमतें 2.24 प्रतिशत नीचे रहीं। इसी दौरान ईंधन एवं बिजली के भाव 11.09 प्रतिशत और विनिर्मित उत्पादों का कीमत स्तर 1.42 प्रतिशत नीचे रहा।

खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों को अधिक महत्व देता है आरबीआई
सितंबर, 2015 की थोक मुद्रास्फीति का संशोधित आंकड़ा शून्य से 4.59 प्रतिशत नीचे कर दिया गया है। प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर इसे शून्य से 4.54 प्रतिशत नीचे बताया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति संबंधी फैसलों के लिए अब उपभोक्‍ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों को अधिक महत्व देता है। इससे पहले इसी महीने आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मौद्रिक नति की द्वैमासिक समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने की संभावनाओं के बीच नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा था।

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