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दक्षिण अफ्रीका के मोस्ट वॉन्टेड गुप्ता बंधुओं को भाजपा सरकार ने दी जेड सुरक्षा

दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा के राष्ट्रपति पद छोड़ने का मुख्य कारण बने भारतीय कारोबारी गुप्ता ब्रदर्स के बारे में आई इस नई खबर से देशभर में हलचल का माहौल है। जोहानिसबर्ग में कारोबार करने वाले जिन गुप्ता बंधुओं के पीछे द. अफ्रीका की पुलिस पीछे पड़ी है, उन्हें उत्तराखंड में त्रिवेंद्र रावत सरकार की ओर से जेड श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है।दक्षिण अफ्रीका पुलिस के मोस्ट वॉन्टेड गुप्ता बंधुओं को भाजपा सरकार ने दी जेड सुरक्षा
देहरादून में कर्जन रोड स्थित उनकी कोठी पर अलग से एक प्लस चार की गारद तैनात है, जो 24 घंटे यहां अलर्ट रहती है। अपने खर्च पर जेड श्रेणी सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश 16 जून 2017 का है।

सूत्रों के मुताबिक अब जेड सुरक्षा वापस लेने पर शासन में विचार किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि गुप्ता बंधु त्रिवेंद्र सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के करीबी भी हैं।

अक्सर जब वह कैबिनेट मंत्री दक्षिण अफ्रीका जाते हैं तो गुप्ता बंधुओं से मिलना होता है। सूत्रों ने बताया कि इन्हीं ने गुप्ता बंधुओं को जेड सुरक्षा देने के लिए पैरवी की थी। 

गुप्ता बंधुओं की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी वाई श्रेणी की सुविधा उपलब्ध थी। सूत्रों के अनुसार गुप्ता बंधुओं के बहनोई अनिल गुप्ता की कांग्रेस सरकार में अच्छी पकड़ थी। तब उन्हें राज्य योजना आयोग में बतौर सदस्य भी बनाया गया था।

शुक्रवार को गुप्ता भाइयों ने दून छोड़ दिया और हेलीकॉप्टर से कहीं रवाना हो गए
सहारनपुर निवासी तीनों गुप्ता भाइयों से संबंधों के चलते भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति (अब पूर्व राष्ट्रपति) जैकब जुमा बृहस्पतिवार को जब इस्तीफा दे रहे थे, उस वक्त गुप्ता बंधुओं में से एक अजय गुप्ता देहरादून स्थित अपनी कोठी में थे।

बताया जा रहा है कि वह यहां पिछले कई दिन से मौजूद थे। गुप्ता बंधु सपरिवार आए थे और हरिद्वार में गंगा दर्शन भी किया।

हालांकि, जैकब जुमा के इस्तीफे के एक दिन बाद ही शुक्रवार दोपहर उन्होंने दून छोड़ दिया और हेलीकॉप्टर से कहीं रवाना हो गए।

2009 से सत्ता में आए राष्ट्रपति जैकब जुमा

2009 से सत्ता में आए राष्ट्रपति जैकब जुमा का लंबे वक्त से विवादों से गहरा नाता है। 

बीते साल दिसंबर में ज़ुमा के डिप्टी सिरिल रामाफ़ोसा पार्टी के अध्यक्ष चुन लिए गए थे। पार्टी ने जुमा को इस्तीफ़ा देने के लिए कहा, लेकिन ज़ुमा ने ऐसा करने से इंकार कर दिया।

1990 में भारत से गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। अतुल, राजेश और अजय गुप्ता तीन भाई हैं। यहां कम्प्यूटर व्यापार से इन्होंने शुरुआत की। बाद में खनन और इंजीनियरिंग कंपनियों, एक लक्ज़री गेम लाउंज, एक समाचार पत्र और 24 घंटे के समाचार टीवी स्टेशन में हिस्सेदारी ख़रीदी। आरोप हैं कि भ्रष्ट सौदों के माध्यम से अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर लाखों डॉलर के सरकारी ठेके लिए।

देहरादून में अब तक ठहरने की कोई जानकारी नहीं

 साल 2016 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व उप वित्त मंत्री जोनास मेबिसी ने आरोप लगाया कि गुप्ता परिवार ने अपनी बात मानने पर उन्हें अगला वित्त मंत्री बनाने के लिए 60 करोड़ रैंड (5 करोड़ डॉलर) की पेशकश की थी। 

इसके बाद दक्षिण अफ्रीकी सरकार के लोकपाल ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें आरोप लगाया गया था कि गुप्ता परिवार और राष्ट्रपति ज़ुमा ने सरकारी अनुबंधों को पाने के लिए एक-दूसरे की मदद की थी। इसके बाद जब 2017 में एक लाख से अधिक ईमेल लीक हुए तो जुमा और गुप्ता बंधुओं का सच सामने आ गया। इसके बाद गुप्ता परिवार और राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के ख़िलाफ़ द. अफ्रीका में लोगों ने प्रदर्शन किए और दोनों का नाम ‘ज़ुप्ता’ दिया।

सहारनपुर निवासी गुप्ता बंधुओं के देहरादून में अब तक ठहरने की कोई जानकारी नहीं है। हां, यहां आने से पहले उनकी ओर से सुरक्षा के लिए पुलिस से संपर्क साधा जाता है। फिलहाल उन्हें जानकारी दी गई है कि 16 फरवरी से 18 फरवरी तक गुप्ता बंधुओं में से एक अजय गुप्ता उत्तराखंड से बाहर रहेंगे।

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