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दिल्ली में हजारों नकली सिक्के पकड़े, पढ़ें कैसे करें असली की पहचान…

5 और 10 के नकली सिक्के बनाने वाला गैंग धरा गया

दिल्ली में हजारों की संख्या में नकली सिक्के असली के साथ मिलाकर चलाये जा रहे हैं। 5 और 10 के नकली सिक्कों की बड़ी खेप कल दिल्ली पुलिस ने रोहिणी में बरामद किये। पिछले दिनों RBI ने भी जनता के बीच फैले एक भ्रम को दूर करते हुए अधिसूचना जारी की थी कि 10 के सिक्के बंद नहीं किये जा रहे। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे करें असली और नकली की पहचानः

40 हजार के नकली सिक्के मिले

रोहिणी सेक्टर-11 से शनिवार देर रात पांच और दस रुपये के नकली सिक्कों की बड़ी खेप पकड़ी गई। 42 वर्षीय आरोपी नरेश सफेद रंग की ईको कार में 40 हजार रुपये के नकली सिक्के ले जा रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।

बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एमएन तिवारी ने बताया कि शनिवार रात करीब डेढ़ बजे टीम ने सामान्य जांच के लिए एक कार रोकी। कार चालक की हरकतें संदिग्ध लगने के बाद पुलिस ने कार की डिग्गी खंगाली। इसमें 100-100 सिक्कों से भरे 20 पैकेट मिले। पुलिस ने जब इन सिक्कों को गाड़ी की चाबी से रगड़ा और सड़क पर घिसा तो इनकी ऊपरी परत निकलने लगी। इसके बाद कार चालक को पकड़ लिया गया। 

आरोपी चालक ने पूछताछ के दौरान बार-बार अपने बयान बदले। पहले उसने खुद को पंजाब नेशनल बैंक का अधिकारी बताया। मगर पहचान पत्र मांगे जाने पर वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह पिछले चार महीने से नकली सिक्के बनाने के काम में शामिल रहा है।

बवाना में चार महीने से फैक्ट्री  चला रहा था

आरोपी नरेश ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बवाना इलाके में बीते चार महीने से नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री चला रहा था। पुलिस ने फैक्ट्री को सील कर दिया है। आरोपी चालक को गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल इंस्पेक्टर समरपाल ने यह जानकारी दी। 

किराना, शादी और पान की दुकान में देता था सिक्के

पुलिस पूछताछ में नरेश ने बताया कि सिक्कों को बाजार में खपाने के लिए किराने की दुकान, थोक कारोबारी, पान की दुकान और शादी के घरों को चुनता था। पुलिस अब उन तमाम लोगों की तलाश में जुटी है, जो आरोपियों से नकली सिक्के लेते थे। आरोपी ने बताया कि वह दुकानदारों और थोक विक्रेताओं से कमीशन भी लेता था।

ये हैं असली सिक्कों को पहचानने का तरीका

 

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