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दिल्ली: 15 अगस्त के बाद आपके पास मिली पॉलीथिन तो 5000 रु. जुर्माना

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। स्वतंत्रता दिवस के बाद यानी 16 अगस्त से दक्षिणी दिल्ली के बाजारों से लेकर दुकानों और रेहड़ी-पटरी में पॉलीथिन के उपयोग पर कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी के पास पॉलीथिन मिलती है तो उस पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। इसके लिए निगम ने विशेष तौर पर टीमों के गठन का कार्य भी शुरू कर दिया है।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि फिलहाल नागरिकों को पॉलीथिन के उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। निगम के कर्मचारी और पार्षद विभिन्न बाजारों में जाकर लोगों से इसका उपयोग न करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन 16 अगस्त से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

नाले हो जाते हैं जाम पशुओं को भी हानि
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि पॉलीथिन के उपयोग से नाले जाम हो जाते हैं। इससे पानी निर्बाध रूप से नहीं बह पाता और जलभराव की समस्या पैदा होती है। पॉलीथिन के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं पशु खाने की तलाश में कूड़ेदान में पड़ी पॉलीथिन खा लेते हैं, जो उनके लिए जानलेवा साबित होती है। उन्होंने लोगों से अपील कि वे घर से ही थैला लेकर चलें। सब्जी व फल विक्रेताओं को भी चाहिए कि वे ग्राहकों से घर से थैला लाने के लिए कहें।

गौरतलब है कि पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद बाजारों में लोग बेरोक-टोक इसका प्रयोग कर रहे हैं। विशेषकर सब्जी और फलों की दुकानों पर इसका प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। किराना दुकानों पर सरेआम पॉलीथिन में सामानों की बिक्री की जा रही है। रोज बिक रही पॉलीथिन का आधा हिस्सा रोजाना कूड़े के ढेर में नजर आता है, जिससे पर्यावरण पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण प्रदूषित करने के साथ-साथ पॉलीथिन नालियों के लिए भी अवरोधक बनी हुई हैं। विशेषकर बरसात के मौसम में पॉलीथिन की वजह से नालियां जाम हो जाती हैं। इसके अलावा पॉलीथिन में भरकर लोग घर का कूड़ा सड़क किनारे फेंक चलते बनते हैं, लेकिन उस कूड़े के ढेर में खाद्य पदार्थ खोजते हुए पशु पॉलीथिन ही खा जाते हैं। इसके चलते उनके स्वास्थ्य पर काफी गलत प्रभाव पड़ता है और वे दम तोड़ देते हैं।

कई लोग तो कूड़े के ढेर के साथ पॉलीथिन को भी जला देते हैं, इससे निकलने वाला धुंआ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस संबंध में भुपेंद्र गुप्ता ने सभी अधिकारियों से साप्ताहिक बाजार, मंडियों, दुकानों पर धड़ल्ले से प्रयोग हो रही पॉलीथिन पर रोक लगाने के सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम लोगों को इस बाबत जागरूक करने की जरूरत है, ताकि लोग पॉलीथिन से वातावरण को हो रहे खतरे को जान सकें और पॉलीथिन का प्रयोग कम से कम करें। अगर बावजूद इसके लोग पॉलीथिन का प्रयोग करते नजर आए तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाए और उन पर जुर्माना लगाया जाए।

पॉलीथिन के प्रयोग के कारण न सिर्फ वातावरण अपितु जीव-जन्तु भी काफी प्रभावित हो रहे हैं। आज छोटे-छोटे से कार्य में लोग पॉलीथिन का प्रयोग करते हैं और प्रयोग के बाद उन्हें यहां-वहां फेंक देते हैं। लोगों को इस बाबत जागरूक होने की जरूरत है।

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