दुनियाभर में बढ़ गई बाघों की संख्या, भारत में सबसे ज्यादा 2226 टाइगर
एजेन्सी/ नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कल बाघ संरक्षण पर एक बड़े सम्मेलन का उद्घाटन करने से एक दिन पहले वन्यजीव समूहों ने कहा कि कुछ दशकों तक बाघों की संख्या में कमी के बाद दुनियाभर में पहली बार इस वन्यजीव की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी है। दुनियाभर के आधे से अधिक बाघ भारत में हैं।
संगठनों का कहना है कि इस वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं जिनमें भारत, रूस, नेपाल और भूटान में बाघों की संख्या में इजाफा, उन्नत सर्वेक्षण और व्यापक संरक्षण शामिल हैं। प्रधानमंत्री कल बाघों के संरक्षण पर मंत्रियों के तीन दिवसीय एशियाई अधिवेशन का उद्घाटन करेंगे जिसमें बाघों की रेंज वाले देश शिकार रोधी रणनीतियों समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल के महानिदेशक मार्को लांबिर्टिनी ने कहा, ‘दशकों तक लगातार गिरावट के बाद पहली बार बाघों की संख्या बढ़ी है। इससे हमें बहुत उम्मीद बंधती है और यह दिखाता है कि अगर सरकारें, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण कार्यकर्ता मिलकर काम करें तो वन्यजीव की प्रजातियों और उनके रहने के ठिकानों को बचाया जा सकता है।’
कल आयोजित सम्मेलन 2010 में रूस में टाइगर समिट के साथ शुरू हुई वैश्विक बाघ पहल की प्रक्रिया में ताजा कदम होगा। 2010 के सम्मेलन में सरकारों ने 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने के लक्ष्य पर सहमति जताई थी। ताजा सर्वेक्षण के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 2226 है। दूसरे स्थान पर रूस में 433 बाघ हैं। इंडोनेशिया में 371 तो मलेशिया में 250 बाघ हैं। वन्यजीव समूहों द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार नेपाल, थाइलैंड, बांग्लादेश और भूटान में बाघों की संख्या क्रमश: 198, 189, 106 और 103 है। इनके अलावा अन्य देश जिनमें बाघ पाये जाते हैं उनमें म्यामां, चीन और लाओस हैं।