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दुनिया का पहला 3D प्रिंटेड मिनी एयरक्राफ्ट

3d aircraftबीते हफ्ते बर्लिन एयर शो के दौरान बड़े एयरक्राफ्ट्स के जमावड़े के बीच एक बहुत छोटा सा प्लेन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस मिनी प्लेन का नाम है- थॉर। इसकी खासियत यह है कि यह दुनिया का पहला 3D प्रिंटेड एयरक्राफ्ट है।

थॉर में कोई खिड़की नहीं है। इसका वजन 21 किलो है और लंबाई 4 मीटर। यह ड्रोन है, जो पूरी तरह से सफेद के रंग हवाई जहाज जैसा लगता है और उड़ता भी है। यूरोप की एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी एयरबस का यह छोटा बिना पायलट वाला एयरक्राफ्ट कई मायनों में खास है। अगर इसी की तर्ज पर 3D प्रिंटिंग से बड़े एयरक्राफ्ट बनने लगें तो वक्त और पैसे, दोनों की बचत होगी।

एयरबस के लिए थॉर को बनाने वाली टीम के इंचार्ज देतलेव कॉनिगोर्स्की ने कहा, ‘यह तो एक झलक है कि 3D प्रिंटिंग टेक्नॉलजी की मदद से क्या किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि 3D प्रिंटिंग टेक्नॉलजी से न सिर्फ अलग-अलग पार्ट्स बनाए जाएं, बल्कि पूरे सिस्टम को तैयार करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।’

थॉर में सिर्फ वे हिस्से प्रिंट नहीं किए गए हैं, जो इलेक्ट्रिकल एलिमेंट्स से बने हैं। चीफ इंजिनियर गुनर हास ने कहा, ‘यह प्लेन बड़ी खूबसूरती से उड़ता है और बहुत स्टेबल है।’ जर्मनी के उत्तरी शहर हैमबर्ग में पिछले साल नवंबर में इसे पहली बार उड़ाया गया था।

एयरबस और इसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी बोइंग अपने पैसंजर जेट्स A350 और B787 ड्रीम लाइनर के पुर्जे बनाने के लिए पहले से ही 3D प्रिंटिंग टेक्नॉलजी यूज कर रही हैं।

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